Budget 2025: पूर्ण और अंतरिम बजट में क्या होता है अंतर, जान लीजिए अपने काम की बात
Budget 2025: पूर्ण बजट सरकार की सालाना वित्तीय योजनाओं का विस्तार से विवरण होता है जबकि अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश होता है जो अगले कुछ महीनों के खर्च के अनुमान पर संसद से अनुमति हासिल करता है.

India Budget 2025: किसी सरकार की ओर से पूर्ण बजट पेश करने का मतलब सरकार की सालाना वित्तीय योजनाओं की जानकारी देना है. यह सिर्फ सरकार की आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब ही नहीं, बल्कि इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव, नई स्कीम घोषित करने और इकनॉमी के विभिन्न तबके के लिए पैकेज जारी करने का माकूल वक्त होता है. जब भी कोई सरकार केंद्रीय बजट पेश करती है तो वह सभी वर्ग के प्रतिनिधियों से मिलकर उनकी राय लेने की कोशिश करती है और उसके बाद ही बजट की घोषणाओं को अंतिम रूप दिया जाता है. इससे सरकार को पूर्ण बजट लाने में देश के हर तबके की उम्मीदों को शामिल करने का मौका मिलता है.
पूर्ण और अंतरिम बजट में क्या अंतर होता है?
केंद्र सरकार के पूर्ण बजट में फाइनेंस बिल पास करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है. बजट में टैक्स संबंधी किसी बदलाव की स्थिति में फाइनेंस बिल को संसद से पारित कराना सरकार के लिए जरूरी होता है. किसी चुनावी साल में पांच साल का टर्म पूरा कर रही सरकार टैक्स में किसी बदलाव या नई स्कीम की घोषणा करने से बचती है. इसकी वजह यह है कि इन घोषणाओं पर अमल करने के लिए सरकार के पास वक्त नहीं होता.
अंतरिम बजट क्या होता है
अगर चुनावी साल में कोई सरकार इस तरह के लोक लुभावन कदम की घोषणा कर दे और चुनाव के बाद उसकी सरकार नहीं बने तो नई सरकार पिछली सरकार की घोषणाओं को पूरा करने में दिलचस्पी नहीं लेती. इस हिसाब से सरकार बजट में सरकार के बाकी बचे कार्यकाल के लिए ही आमदनी और खर्च का हिसाब-किताब पेश करती है.
इस अवधि के लिए पेश किए जाने वाले आंशिक बजट को ही वोट ऑन अकाउंट या अंतरिम बजट कहते हैं. चुनावी साल में केंद्र सरकार वोट ऑन अकाउंट के जरिये अगले कुछ महीने के सरकारी खर्च के लिए देश की संसद से अनुमति लेती है. पिछले साल फरवरी में अंतरिम बजट पेश हुआ था. फिर आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए को मिली जीत के बाद जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया गया था.
ये भी पढ़ें:
मोदी सरकार के पिछले बजट में यूपी को क्या मिला था? इस बार हो पाएगा कुछ इजाफा

ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
