Budget 2025: कब और किसने पेश किया था ड्रीम बजट जो था आर्थिक सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
Budget 2025: ड्रीम बजट ने इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा 40 परसेंट से घटाकर 30 परसेंट कर दी थी, जो आज भी लागू है. कॉरपोरेट टैक्स पर सरचार्ज हटाकर कंपनियों के लिए व्यवसाय करना आसान बनाया गया.
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Budget 2025: भारत के आर्थिक इतिहास में 1997 का बजट, जिसे 'ड्रीम बजट' कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. उस वक्त के तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की तरफ से पेश किया गया यह बजट, 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद देश में नई आर्थिक सोच का परिचायक बना. इस बजट में लिबरलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और ग्लोबलाइजेशन (एलपीजी) के सपनों को दिशा दिया गया.
ड्रीम बजट क्यों जरुरी था
ड्रीम बजट में कर प्रणाली को सरल और आकर्षक बनाया गया. इनकम टैक्स की ऊपरी सीमा 40 परसेंट से घटाकर 30 परसेंट कर दी गई, जो आज भी लागू है. कॉरपोरेट टैक्स पर सरचार्ज हटाकर कंपनियों के लिए व्यवसाय करना आसान बनाया गया. इस बजट में निजीकरण पर जोर डाला गया. इसके साथ ही, पहली बार काले धन को उजागर करने के लिए वॉलिंटरी डिसक्लोजर ऑफ इनकम स्कीम (VDIS) लाई गई, जिससे उस वर्ष इनकम टैक्स संग्रह में रिकॉर्ड 18,700 करोड़ रुपये की आय हुई.
निजीकरण के लिए जाना जाता है
इस बजट ने निजीकरण को गति दी और बाजार को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया. इसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार हुआ और जीडीपी वृद्धि दर 7 परसेंट तक पहुंच गई. हालांकि, ड्रीम बजट के लाभ लंबे समय तक दिखाई दिए. बजट पेश होने के कुछ महीनों बाद एशियाई आर्थिक संकट ने दस्तक दी, जिससे जीडीपी वृद्धि दर घटकर 4 परसेंट रह गई.
कांग्रेस की थी अहम भूमिका
इस बजट की सफलता में कांग्रेस की अहम भूमिका रही. पी. चिदंबरम को वह आर्थिक आधार मिला, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 1991 के सुधारों से तैयार किया था. उस समय राजकोषीय घाटा 8 परसेंट से घटकर 4.5 परसेंट तक आ चुका था. हालांकि, कुछ समय बाद कांग्रेस की सरकार के जाने का नतीजा आगे देखने को मिला. ड्रीम बजट न केवल एक आर्थिक दस्तावेज था, बल्कि यह भारत के आर्थिक इतिहास का महत्वपूर्ण कदम था.
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