उमेश रेवणकर: आम बजट 2023-24 एक विकासोन्मुखी बजट है और वित्त मंत्री ने खपत (Consumption) से लेकर पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) तक और मध्यम वर्ग से लेकर उद्योग तक, हर किसी का ध्यान रखा है. 33% की वृद्धि की घोषणा के साथ यह पूंजीगत खर्च यानी कैपेक्स (Capex) पर केंद्रित बजट है, जो बुनियादी ढांचे, रसद और परिवहन व्यवसाय को बढ़ावा देगा. व्यापार करना आसान बनाने पर सरकार का ध्यान और क्रेडिट गारंटी के लिए एक्‍सटेंडेड फंड का मतलब होगा कि एमएसएमई को इस बजट से बहुत कुछ हासिल होगा. बजट में कृषि और ग्रामीण विकास पर विस्‍तार से ध्यान दिया गया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और खपत को बढ़ावा मिलना चाहिए. बजट में घोषित आयकर लाभ (Income Tax Benefit) मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए क्रय शक्ति (Purchasing Power) को बढ़ावा देंगे. मेरा मानना है कि बजट में की गई घोषणाओं से छोटे उद्यमों, उपभोग पर आधारित व्यवसाय और परिवहन के लिए लोन देने में तेजी आएगी.


मेरे हिसाब से इस बजट की सात बड़ी बातें



  • पूंजीगत खर्च के लिए किया गया प्रावधान सकल घरेलू उत्पाद के 3.3% के बराबर है और यह एक ऐसी सरकार का प्रतिनिधित्व करता है, जो विकास पर केंद्रित है. बड़ा रेल बजट और 100 ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट्स के कार्यान्वयन से पूरे ट्रांसपोर्ट इकोसिस्‍टम को बढ़ावा मिलेगा.

  • कई कानूनी प्रावधानों का गैर-अपराधीकरण करके और अनुपालन की आवश्यकताओं को कम करके व्यवसाय करना आसान (Ease of Doing Business) बनाया गया है. इसका मतलब है कि उन एमएसएमई का संचालन आसान होगा, जो अक्सर अनुपालन और कानूनी बाधाओं से जूझते हैं.

  • टैक्स स्लैब में बदलाव से मध्यम वर्ग के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा, जिससे खपत बढ़ेगी.

  • कॉर्पस में 9000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ बढ़ी हुई क्रेडिट गारंटी योजना से एमएसएमई के लिए धन की लागत कम होगी और इस क्षेत्र को सहायता मिलेगी, जो अर्थव्यवस्था की रीढ़ है.

  • प्रधानमंत्री आवास योजना के मद में खर्च 66% बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये करना किफायती आवास (Affordable Housing) के लिए अच्छी खबर है. 10 हजार करोड़ रुपये के शहरी इंफ्रा डेवलपमेंट फंड का इस्तेमाल शहरी नियोजन को बदलने और शहरों को अधिक टिकाऊ बनाने में किया जाएगा. इससे हाउसिंग और हाउसिंग फाइनेंस को भी मदद मिलेगी.

  • ब्याज में राहत, बिना गारंटी के कर्ज और ग्रामीण बुनियादी संरचना की योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र को ज्यादा कर्ज मिलेगा. कृषि पर अधिक खर्च से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक प्रोत्साहन मिलेगा.

  • बढ़ी जमा योजनाओं के माध्यम से महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों पर ध्यान केंद्रित करने और महिलाओं व बालिकाओं के लिए विशेष रूप से तैयार की गई बचत योजनाओं से बचत को बढ़ावा मिलेगा और उनका सशक्तिकरण होगा. 

  • चुनावों से पहले वित्त मंत्री ने विकास को ध्यान में रखते हुए एक विवेकपूर्ण बजट पेश किया है और मेरा मानना है कि इसमें की गई घोषणाओं का अर्थव्यवस्था पर व्यापक गुणक प्रभाव पड़ेगा.
    (लेखक श्रीराम फाइनेंस के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं)