राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही आज मंगलवार को संसद के नए बजट सत्र की शुरुआत हो गई. यह मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने वाला है, क्योंकि अगले साल आम चुनाव के चलते पूर्ण बजट पेश नहीं होगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यकाल का यह पहला बजट अभिभाषण है. परंपरा की तरह इस बार भी राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की उपलब्धियों का बखान किया गया. राष्ट्रपति ने इसके अलावा सरकार की विभिन्न योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी दी.


पिछले साल बजट सत्र की शुरुआत तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई थी. पिछले साल और इस साल के अभिभाषण में यूं तो कई चीजें अलग रहीं, लेकिन कई बातें ऐसी भी रहीं, जिनका जिक्र तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पिछले साल के अभिभाषण में भी किया था और इस बार मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उन्हें दोहराया. आइए जानते हैं ऐसी दस बातें, जिन पर अभिभाषण में दिया गया जोर


कोविड19: पिछले कुछ सालों में देखें तो सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए कोविड महामारी एक ऐसी घटना के रूप में सामने आई, जो सदियों में सामने आती है. भले ही महामारी के मामले बहुत कम हो गए हैं और इससे मरने वालों की संख्या में काफी कमी आ गई हो, लेकिन अभी भी इसका साफ असर दिख जाता है. कई सेक्टर अभी भी महामारी के असर से बाहर नहीं निकल पाए हैं. अर्थव्यवस्था भी अभी पूरी तरह से नहीं उबर पाई है. पिछले साल के संबोधन को देखें तो राष्ट्रपति कोविंद ने टीकाकरण और स्वास्थ्य की बुनियादी संरचनाओं पर सरकार के खर्च को हाइलाइट किया था. इस साल के संबोधन में राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि किस तरह से सरकार ने महामारी के दौरान लोगों की बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखा.


मुफ्त खाद्यान्न योजना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस बात का हमेशा ध्यान रखा कि देश में कोई गरीब परिवार भूखा नहीं सोये. इस कारण प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सरकार साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. पिछले साल तत्कालीन राष्ट्रपति कोविंद ने इस योजना पर 2.6 लाख करोड़ रुपए खर्च होने और इसे मार्च 2022 तक बढ़ाए जाने की जानकारी दी थी.


किसान: मौजूदा केंद्र सरकार किसानों को खास तरजीह देने की बात दोहराते आई है. इस बार के भाषण में कहा गया कि सरकार  11 करोड़ से ज्यादा छोटे किसानों का खास ध्यान रख रही है. यह बात प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के संदर्भ में कही गई. इसका जिक्र पिछले साल के भाषण में भी िकया गया था और कहा गया था कि 11 करोड़ से अधिक किसानों को योजना के तहत 1.8 लाख करोड़ रुपए हस्तांतरित किए गए.


आत्मनिर्भर भारत: राष्ट्रपति मुर्मू ने भाषण की शुरुआत में ही साफ कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य 2047 तक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जो आत्मनिर्भर हो. पिछले साल विनिर्माण क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएलआई योजनाओं पर जोर दिया गया था.


अर्थव्यवस्था: इस बार के अभिभाषण में कहा गया कि अब देश पॉलिसी पैरालिसिस की चर्चा से बाहर निकल चुका है और इसी कारण देश अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. पिछले साल जीएसटी कलेक्शन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, विदेशी मुद्रा भंडार और निर्यात आदि का हवाला दिया गया था.


स्टार्टअप्स: राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सरकार ने इनोवेशन और आंत्रप्रिन्योरशिप पर बहुत जोर दिया है. इस कारण देश अब इनोवेशन के मामले में 40वें पायदान पर पहुंच गया है और स्टार्टअप्स की संख्या नब्बे हजार के पार हो गई है. पिछले साल कहा गया था कि 2016 से देश के 56 क्षेत्रों में 60,000 स्टार्टअप्स स्थापित किए गए हैं.


सड़क: यह सरकार सड़कों के निर्माण में तेजी को अपनी मुख्य उपलब्धियों में गिनाती है. स्वाभाविक है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में इसका जिक्र हो. इस बार राष्ट्रपति ने कहा कि 2014 तक जितनी ग्रामीण सड़कें बनी थीं, लगभग उतनी लंबाई के बराबर ग्रामीण सड़कें उसके बाद से अब तक बन चुकी हैं. इससे गांवों में रोजगार, शिक्षा, खेती आदि पर व्यापक असर पड़ा है. पिछली बार भारतमाला परियोजना का जिक्र किया गया था. 


रेलवे: इस बार बताया गया कि भारतीय रेलवे अपने आधुनिक अवतार में सामने आ रही है. देश के रेलवे मैप में दुर्गम क्षेत्र जुड़ रहे हैं. वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में देश को अत्याधुनिक ट्रेनें मिल रही हैं. पिछले साल रेलवे मार्ग के बिजलीकरण की बात कही गई थी और बताया गया था कि 2014-21 के दौरान 24,000 किलोमीटर रेलवे मार्ग को बिजलीकृत किया गया.


रक्षा: रक्षा क्षेत्र हमेशा ही सरकारों की प्राथमिकता में रहता आया है. इसी कारण इस क्षेत्र के कार्यों को खूब हाइलाइट भी किया जाता है. इस बार राष्ट्रपित ने बताया कि सरकार के प्रयासों से रक्षा निर्यात छह गुना हो गया है और देश को आईएनएस विक्रांत के रूप में पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर मिला है. पिछले साल भी रक्षा क्षेत्र और सैन्य जरूरतों के स्वदेशीकरण का जिक्र किया गया था और बताया गया था कि किस तरह से सेना की जरूरत की चीजें देश में ही बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.


महिला: राष्ट्रपित मुर्मू ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार की बड़ी उपलब्धि महिला सशक्तिकरण की रही है. इसके लिए उन्होंने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का उदाहरण दिया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की लगभग आधी लाभार्थी महिलाएं ही हैं. पिछले साल के भाषण में भी इस बिंदु पर खास जोर दिया गया था. तब महिलाओं के विवाह की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर  21 साल करने और 28 लाख से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को 65,000 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद का हवाला दिया गया था.