नई दिल्लीः संसद का बजट सत्र शुरू हो चुका है. बजट सत्र के दौरान ही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने का बिल लाया जा सकता है. 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट में ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल से जुड़ी चीजें सामने आ सकती है.


भारत में बिटकॉइन सहित सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन करने के अलावा बिल में आरबीआई की ओर से जारी होने वाली ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक फ्रेमवर्क तैयार करने के बारे में बताया जा सकता है. इसे क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल नाम से पेश किया जाएगा. हालांकि, लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, बिल कुछ अपवादों के लिए क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने की अनुमति देता है.

2018 में आरबीआई ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर लगाई थी रोक
नोटबंदी के फैसले के बाद 2018 में कई धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद आरबीआई ने क्रिप्टो ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी थी. इसके परिणामस्वरूप, क्रिप्टोकरेंसी व्यापार ठप हो गया क्योंकि आरबीआई ने बैंकों जैसी सभी विनियमित संस्थाओं को प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित डीलिंग रोकने के लिए कहा था.


आरबीआई का आदेश वापस होने पर बढ़ी बिटकॉइन की कीमतें
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने फैसला सुनाया कि आरबीआई रेगुलेटेड एंटिटीज की ओर से भारत में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले ट्रांजेक्शन से नुकासान को साबित करने में विफल रहा और आदेश वापस लेना पड़ा . तब से क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने फिर से संचालन शुरू किया. इसके बाद बिटकॉइन की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई. क्योंकि पहले आरबीआई के आदेश के बाद क्रिप्टोकरेंसी बैंकों ने एक्सचेंजों के साथ काम करना बंद कर दिया था.


क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार वैश्विक बहस का एक बिंदु बन गया है. जेपी मॉर्गन जैसे इंवेस्टेमेंट हाइउसेज ने कहा कि बिटकॉइन को सोने के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है.

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