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बजट 2020: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पढ़ी कविता- 'हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करते समय पंडित दीनानाथ कौल की कश्मीरी कविता पढ़ी. जिसका उन्होंने अनुवाद भी बताया.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश कर रही हैं. बजट पेश करने ने पहले निर्मला सीतारमण ने कश्मीर के हालातों को लेकर दीनानाथ कौल की एक कवितापढ़ी. जिसमें खास तौर से कश्मीर का जिक्र किया गया है. सीतारमण ने जैसे ही कविता पढ़ना शुरू किया पूरा सदन तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
वित्त मंत्री ने कहा, ‘एक कश्मीरी कविता की शुरुआत कर मैं अपना भाषण आगे बढ़ाना चाहूंगी- हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल झील में खिलते हुए कमल जैसा नवजवानों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन, तेरा वतन, हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन.’
सीतारमण ने ये कविता ऐसे समय में पढ़ी जब कश्मीर के हालात समान्य नहीं हैं. बता दें कि पिछले साल 5 अगस्त को कश्मीर से धारा 370 को हटा दी गई थी.
कविता हिंदी में
हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसा, हमारा वतन डल लेक में खिलते हुए कमल जैसा, नौजवानों के गरम खून जैसा, मेरा वतन तेरा वतन, हमारा वतन दुनिया का सबसे प्यारा वतन
इसके अलावा बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जैविक खाद का उत्पादन बढ़ाने पर सरकार का जोर है. इस बजट का फोकस गांव और किसानों पर है. कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान रेल चलाई जाएगी. कृषि उड़ान की भी शुरूआत होगी. सरकार ने ऑर्गेनिक मार्किट बनाई है. जैवित खेती पोर्टल बनाया गया है. खेती में निवेश पर सरकार का फोकस है.
बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पानी की कमी चिंता का विषय है. पानी की किल्लत वाले 100 जिलों की पहचान की गई है. हम इन जिलों में पानी की किल्लत को दूर करेंगे. बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा का प्लांट लगाया जाएगा. पंप सेट को सौर ऊर्जा से जोड़ेंगे. कुसुम योजना के तहत किसानों को पंप दिए जाएंगे. सरकार ने 16 एक्शन प्वाइंट बनाए हैं.
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