चीन और पाकिस्तान से तनाव के बीच भारत सरकार ने रक्षा बजट में लगभग 70 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की है. 2023-24 के लिए सरकार की ओर से रक्षा मंत्रालय को 5.94 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं. बजट का अधिकांश हिस्सा जवानों के लिए जरूरी मूलभूत सुधार में उपयोग किए जाएंगे.
सीतारामन ने बताया कि बजट में से 1.62 लाख करोड़ रुपए हथियार और गोला बारूद खरीदने पर खर्च किया जाएगा. 2.70 लाख करोड़ रुपए सेनाओं की सैलरी और अन्य जरूरी संशाधन पर खर्च किए जाएंगे. 1 लाख 38 हजार करोड़ रुपए रिटायर सैनिकों के पेंशन पर खर्च किए जाएंगे.
2022-23 में डिफेंस बजट कितना था?
वित्तीय वर्ष साल 2022-23 में भारत सरकार ने सुरक्षा बजट में 9.86 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. सरकार ने सेना के जवानों की सैलरी बढ़ाने और अन्य रक्षा खर्च के लिए 2022 के बजट में 47 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया था. 2022-23 में डिफेंस बजट 5.25 लाख करोड़ रुपए था.
5 साल में कब और कितना बढ़ा डिफेंस बजट?
वित्तीय वर्ष कुल बजट
2019- 20 4.31 लाख करोड़ रुपए
2020-21 4.71 लाख करोड़ रुपए
2021-22 4.78 लाख करोड़ रुपए
2022-23 5.25 लाख करोड़ रुपए
बजट कटौती पर संसदीय कमेटी ने लगाई थी फटकार
मई 2022 में संसद की रक्षा कमेटी ने एक रिपोर्ट जारी की थी. रिपोर्ट में कहा था कि 1962 के बाद सरकार ने सबसे कम रक्षा बजट साल 2022 में रखा है.
कमेटी ने चिंता जताते हुए कहा कि भारत की सेना 2 मोर्चे पर जूझ रही है. ऐसे में बजट में कटौती करना समझ से परे है. कमेटी ने कैपिटल हैड के तहत मिलने वाली राशि में कटौती को लेकर भी सवाल उठाया था. इसके तहत सेना के हथियार खरीदे जाते हैं.
सैन्य रिसर्च पर 1 फीसदी से भी कम खर्च करता है भारत
संसद की डिफेंस कमेटी के मुताबिक भारत में सैन्य और उससे जुड़े रिसर्च काम पर कुल बजट का 1 फीसदी से भी कम खर्च किया जाता है. दूसरी ओर दुश्मन देश चीन सुरक्षा से जुड़े रिसर्च पर कुल रक्षा बजट का 20% खर्च करता है.