नई दिल्ली: साल 1946 में भारत ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया था. जिसमें लियाक़त अली ख़ान ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की नुमाइंदगी कर रहे थे. इस अंतरिम सरकार में बतौर वित्त मंत्री उन्होंने भारत का पहला बजट पेश किया. प्रधानमंत्री नेहरू के नेतृत्व की इस अंतरिम सरकार की कैबिनेट में लियाक़त अली के अलावा सरदार पटेल, भीमराव अंबेडकर और बाबू जगजीवन राम भी शामिल थे. भारत का पहला बजट 2 फरवरी 1946 को पेश किया गया था.


कौन थे लियाक़त अली ख़ान?
लियाक़त अली ख़ान को आज उस शख़्स के रूप में याद किया जाता है. जिन्होंने पहले आजादी, फिर विभाजन और उसके बाद विभाजन के दौरान हिंदू-मुस्लिमों के बीच संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वे तत्कालीन पंजाब के करनाल में एक राज परिवार में जन्मे थे. जो वर्तमान में हरियाणा के हिस्से में है. बाद के दिनों में ये उत्तर प्रदेश के मुजफ्परनगर में सक्रिय रहे, जहां इनके परिवार को बड़ी जागीर मिली थी. वे यूपी के एसेंबली के लिए मेरठ और मुजफ्फरनगर से चुनाव लड़ते थे. वे आजाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री थे. जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम लीग में मोहम्मद अली जिन्ना के बाद दूसरे बड़े ओहदे वाले नेता थे.


1950 में भारत के साथ किया था समझौता
लियाक़त अली ख़ान आजाद पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने. वे 14 अगस्त 1947 से लेकर 16 अक्टूबर 1951 तक इस पद पर बने रहे. 16 अक्टूबर 1951 को एक सभा में भाषण के दौरान गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई. उन्होंने 1950 में बतौर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री भारत  के साथ एक समझौता किया था. इस समझौते में दोनों देशों के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने की बात की गई थी. इस समझौते का एक मक़सद दोनों पड़ोसी देशों के बीच भविष्य में युद्ध की सम्भावनाओं को खत्म करना भी था.


यह भी पढ़ें:


http://प्रधानमंत्री द्वारा प्रज्वलित की गई मशाल को लेकर कोटद्वार आर्मी कैंप पहुंचे सूबेदार दिलीप सिंह