Economic Survey 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश कर दिया है और इसके तहत वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6.5-7 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई गई है और महंगाई दर के 4.5 फीसदी पर रहने की बात कही गई है. आर्थिक सर्वे में कई जगह कोविड के संकटकाल का हवाल दिया गया है और कहा गया है कि इसका व्यापक असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ा था. अब वित्त वर्ष 2024 में देश की रियल जीडीपी वित्त वर्ष 2020 की रियल जीडीपी से 20 फीसदी ज्यादा है और ये एक ऐसी उपलब्धि है जिसे दुनिया की केवल कुछ ही अर्थव्यवस्थाओं ने हासिल किया है. कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2025 में भी भारत की अर्थव्यवस्था के समावेशी विकास की व्यापक उम्मीद आर्थिक सर्वेक्षण में जताई गई है.


कृषि सेक्टर के लिए आर्थिक सर्वे में दिया गया उज्जवल आउटलुक


कृषि सेक्टर में 10 जुलाई 2024 तक 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 3.24 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है और डीबीटी के जरिए किसानों के खाते में सीधा पहुंचाई जा चुकी है. आर्थिक सर्वे के चैप्टर 9 (अध्याय 9) में लिखा है- "कृषि और खाद्य प्रबंधनः यदि हम सही कर लें तो कृषि में बढ़ोतरी अवश्य है." इसमें भारत के कृषि सेक्टर की समावेशी विकास दर के लिए कई सुझाव भी दिए गए हैं.


कपड़ा या वस्त्र उद्योग के लिए कैसा रहा बीते सालों का प्रदर्शन


भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपड़ा निर्माता और टॉप 5 एक्सपोर्टर्स में से एक है. वित्त वर्ष 2023 में वस्त्र उद्योग ने 3.77 लाख करोड़ रुपये का GVA हासिल किया जबकि इसका कुल निर्यात 44.4 यूएस डॉलर का रहा है. वित्त वर्ष 2024 में वस्त्र और परिधान का एक्सपोर्ट 1 फीसदी बढ़कर 2.97 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.


इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की शानदार ग्रोथ


केंद्र सरकार का पिछले 10 सालों से इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर मैन्यूफैक्चरिंग पर काफी ध्यान है जिसके लिए मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया मुहिम को साथ-साथ पूरा किया जा सके. वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2023 तक इलेक्ट्रिक सामानों के उत्पादन में 16.9 फीसदी की CAGR से ग्रोथ देखी गई और इस दौरान निर्यात में 35.7 फीसदी का इजाफा हुआ.



इंडस्ट्रीज के लिए PLI स्कीम का बड़ा फायदा


14 प्रमुख सेक्टर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव स्कीम (PLI) का एलान किया गया जिसमें मई 2024 तक 1.28 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का इंवेस्टमेंट हुआ. इसके जरिए 10.8 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन/बिक्री हुई है. आर्थिक सर्वे में दावा है कि इससे 8.5 लाख से ज्यादा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार के मौके बने हैं और एक्सपोर्ट में 4 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है.


मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में 22 फीसदी तक का उल्लेखनीय इजाफा


मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में डायरेक्ट वर्कफोर्स वित्त वर्ष 2017 से 2022 के बीच तीन गुना से ज्यादा बढ़ा है जिसका फायदा ब्लू-कॉलर वर्कर्स को हुआ है. पहले और दूसरे चरण के बीच मजदूरी और वेतन में औसत 317 फीसदी का इजाफा हुआ है.


MSME लोन स्कीम से बन रहे लाखों रोजगार के मौके- आर्थिक सर्वे


वित्त वर्ष 2023 के दौरान एमएसएमई लोन स्कीम्स के जरिए 85,167 माइक्रो यूनिट्स को वित्तीय मदद दी गई जिससे लगभग 6.81 लाख लोगों के लिए रोजगार के मौके बने. वित्त वर्ष 2024 में इसके जरिए 89,118 माइक्रो यूनिट्स को वित्तीय कर्ज दिए गए जिनसे लगभग 7.13 लाख लोगों के लिए रोजगार के मौके बने.


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