Economic Survey 2025: आज इकोनॉमिक सर्वे में दे दी गई यह चेतावनी, कहा- उधार देने वाले और निवेशक हो जाएं सावधान
Budget 2025: इकोनॉमिक सर्वे में इस बात का जिक्र किया गया कि देश का बैंकिग सेक्टर भले ही पर्याप्त पूंजी के साथ मजबूत बना हुआ है, लेकिन इस पर असुरक्षित लोन के बढ़ते दबाव का खतरा भी है.
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Budget 2025: इकोनॉमिक सर्वे 2025 के मुताबिक, भारत की बैंकिंग व्यवस्था स्वस्थ और पर्याप्त पूंजीकृत है, लेकिन असुरक्षित ऋणों में बढ़ते दबाव और वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव ने नए जोखिम पैदा कर दिए हैं. बैंकिंग सेक्टर का टोटल नॉन परफॉर्मिंग एसेट (npa) भले ही 12 साल के निचले स्तर 2.6 परसेंट तक पहुंच गया है, लेकिन असुरक्षित पर्सनल लोगन और क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट को लेकर चिंताए बढ़ रही हैं.
फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को लेकर खतरे के संकेत
सितंबर, 2024 तक खुदरा ऋण पोर्टफोलियो में 51.9 परसेंट npa की नई वृद्धि असुरक्षित ऋण पुस्तिका में गिरावट के कारण हुई, जिससे फाइनेंशियल स्टेबिलिटी को लेकर खतरे के संकेत मिले. इसके अलावा, दिसंबर 2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (FSR) में इस बात का जिक्र किया गया कि पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड होल्डर्स में से लगभग आधे के पास होम या व्हीकल लोन जैसे बड़े सिक्योरड लोन भी है. अगर छोटे लोन की भरपाई करने में चूक हो गई तो पूरे क्रेडिट पोर्टफोलियो में चूक का जोखिम बढ़ सकता है.
लोन का बढ़ता जा रहा दायरा
लोन के बढ़ते दायरे को देखते और इस पर रोक लगाने के लिए RBI ने नवंबर 2023 में rbi ने उधारी पर जोखिम भार 25 आधार अंक तक बढ़ा दिया. बावजूद इसके बड़े पैमाने पर लोन दिया जा रहा है. सबसे अधिक नए घर की खरीद पर होम लोन दिए जा रहे हैं. लोन लेने का दर अब भी अधिक है, लेकिन हाल के महीनों में कुछ सख्ती के चलते इसमें कमी आई थी. इकोनॉमिक सर्वे में ऋण-जमा असंतुलन का भी जिक्र किया गया, यानी कि लोन लिए जा रहे हैं और इनकी भरपाई इसके मुकाबले कम हो पा रही है.
इकोनॉमिक सर्वे में इस बात की दी गई चेतावनी
इकोनॉमिक सर्वे में इस बात पर जोर दिया गया कि मैक्रो स्ट्रेस टेस्ट से पता चलता है कि बैंक पूंजी पर्याप्तता बनाए रखते हुए प्रतिकूल आर्थिक परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम हैं. इकोनॉमिक सर्वे में इस बात की चेतावनी दी गई कि अमेरिकी स्टॉक मार्केट में किसी भी बदलाव का असर भारतीय बाजार पर पड़ सकता है.
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