Economic Survey: आम बजट पेश होने से पहले मोदी सरकार के लिए राहत भरी खबर आई है. आज संसद में पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में इस साल जीडीपी विकास दर 9.2% रहने की संभावना जताई गई है. सबसे बड़ी राहत की खबर ये है कि सर्वेक्षण के मुताबिक़ अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे कोरोना से पहले वाली स्थिति में पहुंचने लगी है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के दोनों सदनों में 2021- 22 का आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार को पेश किया. सर्वेक्षण में सामने आए आंकड़े मोदी सरकार को सुकून देने वाले हैं. सर्वेक्षण के मुताबिक:
- इस साल ( 2021-22) देश की आर्थिक विकास दर 9.2 फीसदी रहने की संभावना है.
- जबकि अगले साल ( 2022-23 ) आर्थिक विकास दर 8- 8.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है
- इस ऊंचे विकास दर का कारण व्यापक टीकाकरण अभियान, सप्लाई में सुधार, नियमों में ढील, निर्यात में जबरदस्त उछाल और राजस्व के मामले में बेहतर स्थिति को बताया गया है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के मुताबिक, सर्वेक्षण के अनुसार कोरोना संकट का सबसे कम प्रभाव कृषि क्षेत्र पर पड़ा है और महामारी संकट के बावजूद कृषि क्षेत्र में विकास दर बेहद उत्साहवर्धक रहा है.
- 2021-22 में कृषि विकास दर 3.9 फ़ीसदी रहने का अनुमान है
- 2020-21 में कृषि विकास दर 3.6 फ़ीसदी दर्ज़ की गई थी
- उद्योग क्षेत्र में विकास दर 2021-22 में 11.8 फ़ीसदी रहने का अनुमान है
- पिछले साल ये दर -7.2 फ़ीसदी यानि नकारात्मक दर्ज़ की गई थी
आर्थिक सर्वेक्षण की जो बात सरकार को सबसे सबसे ज़्यादा राहत देगी वो ये है कि देश की अर्थव्यवस्था अब धीरे धीरे कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में पहुंच रही है. सर्वेक्षण के मुताबिक 2021- 22 की अनुमानित विकास दर ( 8-8.5% ) कोरोना काल से ठीक पहले वाले साल से ज़्यादा है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के मुताबिक, आमतौर पर आर्थिक सर्वेक्षण को आम बजट का एक बड़ा संकेत माना जाता है. अगर आम बजट की दिशा आर्थिक सर्वेक्षण जैसी ही रही तो विकासोन्मुखी बजट की संभावना जताई जा सकती है.