Economic Survey: 31 मार्च यानी कल मंगलवार से साल 2023 का बजट सत्र शुरू हो जाएगा. 31 जनवरी को ही राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हो जाएगी. कल ही सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण यानी इकोनॉमिक सर्वे प्रस्तुत करेंगी. वित्त मंत्री देश का आर्थिक सर्वे संसद में पेश करेंगी. चालू वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी के लिए केंद्र सरकार की ओर से क्या किया गया है, ये सामने आ जाएगा.


यहां जानें क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?


इकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) का प्रमुख सालाना दस्तावेज होता है. इकोनॉमिक सर्वे देश के आर्थिक विकास का लेखाजोखा होता है. इसी के आधार पर यह देखा जाता है कि पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही है. इसी सर्वे से आकलन लगाया जाता है कि कहां पर नुकसान हुआ और कहां पर फायदा हुआ है.


बजट से पहले होता है पेश


इकोनॉमिक सर्वे को हमेशा बजट से ठीक पहले पेश किया जाता है. इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था में किस तरह की संभावनाएं देखने को मिलेंगी. इसके अलावा इस आधार पर सरकार को भी सुझाव दिए जाते हैं.


इकोनॉमिक सर्वे कौन तैयार करता है?


आर्थिक सर्वेक्षण वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के इकोनॉमिक्स डिविजन के द्वारा तैयार किया जाता है. यह मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है. इसको वित्तमंत्री की मंजूरी के बाद में ही इसको रिलीज किया जाता है. आर्थिक सर्वे को वित्त मंत्री संसद के दोनों सदनों के पटल पर पेश करती हैं. जिसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार मौजूदा वित्त वर्ष का ब्यौरा पेश करते हैं. बजट तैयार करने में आर्थिक सर्वे की बड़ी भूमिका होती है. मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुझावों के बजट में शामिल किया जाता है.  


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