नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार अपना छठा बजट पेश करने वाली है. 1 फरवरी को बजट 2019 पेश होने जा रहा है और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के पास आखिरी मौका है कि वो वोटरों को लुभा सके. चूंकि ये एक अंतरिम बजट है और पूर्ण बजट नहीं है इसलिए सरकार के पास ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं है. फिर भी 1 फरवरी को अंतरिम बजट के दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट सूटकेस से लोगों को अच्छी राहत मिलने की उम्मीद है.


माना जा रहा है कि इस बार टैक्स नियमों में कुछ बदलाव की उम्मीद है क्योंकि हाल ही में अपने एएनआई के इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि टैक्स ढांचे में बदलाव की गुंजाइश है.


अंतरिम बजट संसद के संयुक्त सत्र में पेश किया जाएगा. आमतौर पर लोकसभा चुनाव के 1 महीने पहले बजट पेश किया जाता है तो उसमें पार्ट बी नहीं होता है और ये टैक्स से संबंधित घोषणाओं तक सीमित रहता है. हालांकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि जिससे सरकार को विस्तृत बजट पेश करने या पूर्णकालिक बजट जैसे ही कुछ एलान करने से रोका जा सके.


साल 2017 से मोदी सरकार ने आम बजट की तारीख आगे खिसका दी थी और इसे 28 फरवरी से 1 फरवरी को तय कर दिया था. इसके जरिए सरकार को नए वित्त वर्ष जोकि 1 अप्रैल से शुरू होता है से पहले फाइनेंस बिल को पास करने का मौका मिल जाता है.


जानिए इस बजट में क्या एलान होने की संभावना है-
इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक बजट 2019 में स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज (एसएमई) और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईटी) कंपनियों में नौकरियां पैदा करने पर केंद्र सरकार का खास जोर रहेगा. चूंकि विपक्ष खासकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को अपने निशाने पर लिया हुआ है कि इसने रोजगार सृजन के अपने वादों को पूरा नहीं किया. वहीं मोदी सरकार ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि सरकार ने देश में रोजगार बढ़ाने के लिए सभी संभव उपाय किए हैं.


आईटी कंपनियों को लेकर हो सकते हैं ये एलान
कई इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईटी कंपनियों 2019 में अपना बजट बढ़ा सकती हैं, क्योंकि पिछले कुछ सालों से ये कंपनियां कुछ खास अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों के चलन के बाद साल 2018 की दूसरी छमाही में आईटी कंपनियों के बजट में कुछ इजाफा देखा गया है. वहीं ज्यादातर घरेलू और वैश्विक कंपनियों के कारोबार में अब नई टेक्नोलॉजी पर फोकस और खर्च ज्यादा बढ़ने से इनके कारोबारी मॉडल में ज्यादा बदलाव आया है.


कृषि सेक्टर
2018 के सबसे चर्चित क्षेत्रों में से एक, कृषि सेक्टर पूरे साल संकट में रहा क्योंकि बम्पर उत्पादन के कारण फसलों की कीमतें कम हो गईं. 2019 के बजट में कृषि सेक्टर पर सरकार का खास ध्यान रहेगा क्योंकि हाल ही में तीन राज्यों के चुनाव में हार के बाद बीजेपी सरकार किसानों के लिए कुछ खास राहत पैकेज या कृषि कर्ज माफी जैसे एलानों पर गंभीरता से सोच विचार कर रही है.


सरकारी सूत्रों के मुताबिक देखा जाए तो जो किसान समय पर फसल कर्ज चुका रहे हैं इनके लिए सरकार ब्याज माफ करने जैसे उपायों पर कुछ एलान कर सकती है जिससे उनके प्रीमियम की दरें कम हो सकें और फसल की लागत कम हो सके.


वित्त मंत्री अरुण जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली की इस लोकसभा की ये बजट स्पीच काफी खास रहेगी क्योंकि देश में कृषि संकट के दौर को कम करने के लिए उनसे काफी उम्मीदें हैं. इसके अलावा आम टैक्सपेयर वर्ग भी उनकी तरफ उम्मीदों भरी निगाहों से देख रहा है.


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