चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने आज फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के लिए करीब 16 हजार करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का बजट पेश किया, लेकिन उसने लोगों पर किसी नए कर का बोझ नहीं डाला है.


‘धीरे-धीरे बढ़ रही है’ राज्य की अर्थव्यवस्था


अपने बजट भाषण में राज्य के वित्त मंत्री डी. जयकुमार ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था ‘धीरे-धीरे बढ़ रही है’, लेकिन वैश्विक और घरेलू अर्थव्यवस्था के ‘लगातार मंद’ रहने और नोटबंदी की वजह से यह ‘उल्लेखनीय तौर पर’ प्रभावित हुई है.


उन्होंने कहा कि बजट आकलन के अनुसार इस फाइनेंशियल ईयर में 1,59,363 करोड़ रुपये की कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान है जबकि इस दौरान राजस्व व्यय 1,75,293 करोड़ रुपये रह सकता है. इस प्रकार कुल 15,930 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होगा.


उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा


जयकुमार ने कहा कि केंद्र की ‘उदय’ योजना के तहत भुगतान की ‘अतिरिक्त प्रतिबद्धता’ और राज्य सरकार के घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के वादे के बावजूद घाटा संकुचित होगा.


जयकुमार ने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2016-17 के अंत तक राज्य से सॉफ्टवेयर का कुल निर्यात एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू जाएगा. इसी के साथ आईटी पार्कों को टियर-टू श्रेणी के शहरों तक पहुंचाने की भी योजना है.


समिति के गठन की भी घोषणा


राज्य में औद्योगिक परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने एक समिति के गठन की भी घोषणा की है. इस समिति की अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे जो परियोजनाओं को तेज गति से अनुमति मिलना सुनिश्चित करेगी.