नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को सुबह 11.00 बजे अपने बजटीय भाषण की शुरुआत करेंगी. वित्त मंत्री अपने भाषण की शुरुआत लोकसभा स्पीकर को संबोधित करके शुरू करेंगी. इसके अलावा 8 जुलाई को बजट पर आम चर्चा हो सकती है और 11 से 17 जुलाई के बीच अनुदान मांगों पर भी चर्चा हो सकती है.


5 जुलाई को पेश होने वाला बजट कई मायनों में खास हो सकता है. अब जबकि मोदी सरकार अपनी एक पारी पूरी कर चुकी है, और वो दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है, तो ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार के बजट में लोकलुभावन वादों की जगह इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाएगा.


पिछले कुछ वक्त से देश की घटती जीडीपी और कृषि से लेकर अलग-अलग क्षेत्रों के वित्तीय संकट की वजह से निवेशकों के माथे पर कुछ चिंता की लकीरें उभर आई हैं. इस बार के बजट में कुछ ऐसी वित्तीय समस्याएं हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.


वित्तीय मामलों के अलावा इस बार के बजट में महिला सुरक्षा, किसान समस्या, रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी खास ध्यान दिया जा सकता है. जीडीपी में आई गिरावट के कारण भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का रुतबा खोना पड़ा था. इस बजट में वित्त मंत्री के ऊपर फिर से देश की इकॉनोमी को सही ट्रेक पर लाने की जिम्मेदारी भी है.


बता दें कि साल 1999 तक फरवरी के आखिरी वर्किंग डे के दिन शाम 5 बजे केंद्रीय बजट की घोषणा की जाती थी. एनडीए सरकार के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने साल 1999 में सुबह 11 बजे बजट पेश किया. इसके बाद यह परंपरा बन गई और बजट फरवरी के आखिरी वर्किंग डे के दिन सुबह 11 बजे पेश किया जाने लगा. हालांकि, साल 1991 में बजट सुबह 11 बजे पेश किया जा चुका है.