वित्त मंत्री ने वित्तीय क्षेत्र के रेगुलेटर्स के साथ की चर्चा, आर्थिक हालात-बजट प्रस्तावों पर की बात
नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज नई सरकार के गठन के बाद एफएसडीसी की पहली बैठक की अध्यक्षता की. इसमें सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी, इरडा के प्रमुख सुभाष चंद्र खुंटिया और वित्त मंत्रालय के कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. बैठक में बजट से जुड़े सुझावों और प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत वित्तीय क्षेत्र के कई रेगुलेटर्स बैठक में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट वित्त मंत्री सीतारमण पांच जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगी. बजट में अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेज करने के उपायों पर जोर दिए जाने की संभावना है क्योंकि हाल में जारी आंकड़ों में देश की आर्थिक वृद्धि दर 2018-19 में 6.8 फीसदी रह गई जो पांच साल का सबसे निचला स्तर है.
एक आधिकारिक प्रेस रिलीज के मुताबिक बैठक में शक्तिकांत दास के अलावा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी, भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) के प्रमुख सुभाष चंद्र खुंटिया और वित्त मंत्रालय के कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. एफएसडीसी वित्तीय क्षेत्र के नियामकों का शीर्ष निकाय है जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री करते हैं.
The Finance Minister, Smt @nsitharaman chairing the Pre-Budget Consultative Meeting of the Financial Stability Development Council Meeting (FSDC) in New Delhi today in which the Financial Regulators gave their suggestions for the forthcoming General Budget 2019-20: pic.twitter.com/3Z74OZHFFV
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) June 19, 2019
बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर दास ने कहा, ‘एफएसडीसी की बैठक में अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति, संपूर्ण वृहद-आर्थिक हालात और वैश्विक विकास की साधारण समीक्षा की गयी. साथ ही आगामी बजट से जुड़े सुझावों और प्रस्तावों पर चर्चा हुई.’
नियामक और सरकार के संबंधित सचिव बैठक में मौजूद रहे. वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, वित्तीय सेवाओं के सचिव राजीव कुमार, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे, कारपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास, भारतीय रिण शोधन अक्षमता और दिवाला बोर्ड (आईबीबीआई) के चेयरमैन एम. एस. साहू और व्यय सचिव जी. सी. मुर्मु बैठक में उपस्थित थे.
देश की अर्थव्यवस्था के मौजूदा परिदृश्य पर एक सवाल के जवाब में दास ने कहा कि इसी महीने मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को पहले ही पूरी तरह समझाया गया है. मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक के बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने स्वयं वैश्विक वृद्धि के जोखिमों और देश के मौजूदा साल के परिदृश्य को समझाया था. हमने सात फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा है. इसके आगे वह कुछ और नहीं कहेंगें.
Shri @DasShaktikanta, Governor of the Reserve Bank of India (@RBI), calls on Smt @nsitharaman pic.twitter.com/hGyJRvwxKl
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) June 19, 2019
उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता की चिंताओं के चलते अब सभी मौद्रिक नीतियों का आधारभूत विषय वित्तीय स्थिरता होगी. दास ने कहा कि बिमल जालान समिति अपनी रिपोर्ट जून के अंत तक सौंप देगी. इस समिति को रिजर्व बैंक में आरक्षित पूंजी के उपयुक्त स्तर की समीक्षा और सुझाव देने के लिये गठित किया गया है.
यह एफएसडीसी की 20वीं बैठक थी, हालांकि नई सरकार के गठन के बाद यह एफएसडीसी की पहली बैठक हुई है.