Economic Survey: वित्त मंत्री सोमवार को पेश करेंगी इकोनॉमिक सर्वे, लोकसभा-राज्यसभा दोनों का समय जानें
Economic Survey 2024: हर बार बजट से पहले संसद में आर्थिक समीक्षा या इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है. इस बार 23 जुलाई को आ रहे पूर्ण बजट से एक दिन पहले 22 जुलाई को आर्थिक समीक्षा आ रही है.
Economic Survey 2024: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट का इंतजार अब समाप्त होने वाला है. संसद का नया सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है और उसके अगले दिन यानी 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं. बजट के आने से ऐन पहले संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आर्थिक समीक्षा (Economic Survey of India) पेश होने वाली है.
किस समय पेश होगा इकोनॉमिक सर्वे
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 लोकसभा में दोपहर 1 बजे और राज्यसभा में 2 बजे पेश किया जाएगा. दोपहर 02.30 बजे नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता आयोजित की जाएगी जिसमें केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वे तैयार करने वाली अपनी टीम सहित संबोधित करेंगे.
अंतरिम बजट से पहले आई थी ये रिपोर्ट
हर साल बजट से पहले संसद में सरकार के द्वारा आर्थिक समीक्षा पेश की जाती है. आम तौर पर संसद में आर्थिक समीक्षा को वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जाता है. इस साल की शुरुआत में फरवरी महीने के दौरान जब अंतरिम बजट पेश किया गया था, तो उससे पहले सरकार ने आर्थिक सर्वे ना देकर The Indian Economy: A Review नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी. उस समय बताया गया था कि नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में आने वाले पूर्ण बजट से पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जाएगी.
Watch Chief Economic Adviser to the Government of India, Dr. V. Anantha Nageswaran’s Press Conference on Economic Survey 2023-24 TOMORROW👇
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) July 21, 2024
⏰ 02.30 pm
🗓️ 22nd July 2024
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आर्थिक मामलों का विभाग करता है तैयार
आर्थिक समीक्षा में हर बार यह बताया जाता है कि पिछले बजट में सरकार ने जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें किस हद तक हासिल किया जा सका. एक तरह से आर्थिक समीक्षा सरकार के पिछले एक वित्त वर्ष के प्रदर्शन की समीक्षा होती है. इसे आर्थिक मामलों के विभाग के द्वारा तैयार किया जाता है. इस बार आर्थिक समीक्षा को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के ऑफिस के द्वारा तैयार किया गया है.
बजट की बुनियाद बनाती है आर्थिक समीक्षा
आर्थिक समीक्षा देश की आर्थिक नीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इसका महत्व बजट से अगर ज्यादा नहीं है तो उसे कम भी नहीं आंका जा सकता है. बजट में जहां आगे (अमूमन अगले वित्त वर्ष) में सरकार की योजनाओं का खाका तैयार किया जाता है, वहीं आर्थिक समीक्षा में पीछे (आम तौर पर बीते वित्त वर्ष) के सरकार के कामों का लेखा-जोखा रहता है. मतलब कह सकते हैं कि आर्थिक समीक्षा वह अतीत है, जिसकी बुनियाद पर भविष्य का बजट तैयार होता है.
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आर्थिक समीक्षा में दी जाती हैं ये जानकारियां
आर्थिक समीक्षा में मुख्य आर्थिक सलाहकार के द्वारा विस्तार से बताया जाता है कि सरकार ने पिछले बजट में जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें किस हद तक हासिल किया जा सका है. इसी तरह पिछले साल के बजट में बनाई गई योजनाओं को जमीन पर कितना उतारा जा सका है, इसके बारे में भी आर्थिक समीक्षा विस्तार से जानकारी देती है. उनके अलावा समीक्षा में कई अन्य अहम आर्थिक मुद्दों का विवरण भी होता है, जैसे- घरेलू अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट), महंगाई की दर, विभिन्न क्षेत्रों (कृषि, उद्योग, सेवाएं) का प्रदर्शन आदि.
आर्थिक समीक्षा में होते हैं ये 5 खंड
आर्थिक समीक्षा को मोटा-मोटी 5 खंडों में बांटा जा सकता है. वे 5 खंड हैं- आर्थिक प्रदर्शन का विश्लेषण, नीतिगत सुझाव, डेटा आधारित बातें, मध्यम से दीर्घ अवधि का परिदृश्य और वैश्विक व घरेलू संदर्भ. संसद का नया सत्र सोमवार 22 जुलाई की सुबह 11 बजे शुरू होगा. उसके कुछ देर बाद संसद में आर्थिक समीक्षा को वित्त मंत्री के द्वारा पेश किया जा सकता है.
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