नई दिल्लीः बजट पेश होने में बचे हैं बस 5 दिन और 1 फरवरी को बजट पेश होगा. हर साल की तरह आम जनता इस साल भी बजट में सरकार से टैक्स दरें कम करने की मांगें हैं. मोदी सरकार के चौथे बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली इस साल आम जनता के लिए टैक्स की दरों में क्या राहत दे सकती हैं इसको लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. 8 नवंबर को पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के 3 महीने बाद 1 फरवरी को आम बजट पेश होगा. लिहाजा सरकार से इस बजट को लेकर कई प्रकार की उम्मीदें लगाई जा रही हैं.


इनकम टैक्स स्लैब और रेट को लेकर उम्मीदें
केंद्रीय बजट से इस साल इनकम टैक्स की छूट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख से 3.5 लाख रुपये के बीच किए जाने की उम्मीद लगा रहे हैं. इस बारे में एसबीआई की ‘ईकोरैप’ रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार नोटबंदी के बाद देश की इकोनॉमी को बढ़ाने के लिए डायरेक्ट टैक्स में बड़े बदलाव ला सकती है. इसमें ये भी कहा गया है कि इनकम टैक्स की लिमिट भी बढ़ाकर 3 लाख रुपये की जा सकती है.



वहीं आर्थिक जगत के कुछ जानकारों का मानना है कि इस बजट में इनकम टैक्स लिमिट बढ़ाकर 4 लाख रुपये तक भी की जा सकती है. 2 साल पहले इनकम टैक्स छूट की लिमिट 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी. अब जब जीएसटी लागू होने वाला है और पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था लागू होने से व्यापारियों की टैक्स चोरी को भी पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा तो माना जा रहा है कि नौकरीपेशा वर्ग को टैक्स में थोड़ी राहत दी जा सकती है.


मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब और रेट
इस वक्त 2.50 लाख रुपये सालाना तक आय वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होता जबकि 2.50 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक 10 फीसदी टैक्स, 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम वालों को 20 फीसदी टैक्स और 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाने वालों को 30 फीसदी टैक्स की दर से टैक्स देना पड़ता है.