Agriculture: केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण के लक्ष्य को 11 फीसदी बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की बुधवार को घोषणा की. इसके तहत पशुपालन, डेयरी और मछली पालन पर खास जोर दिया जाएगा. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य कृषक समुदाय को रियायती दरों पर ज्यादा कृषि ऋण मुहैया कराना है.


वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में इसका ऐलान किया. उन्होंने कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए अन्य बड़े ऐलान करते हुए कहा कि सरकार एक नई उप-योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana) शुरू करेगी, जिसमें सप्लाई चेन को बेहतर बनाने और मछली के बाजार का विस्तार करने पर 6,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. 


10 हजार बायो इनपुट रिसॉर्स सेंटर बनेंगे


उन्होंने कहा कि समुद्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए झींगा फीड के घरेलू विनिर्माण में जरूरी सामग्रियों पर कस्टम ड्यूटी भी घटाई जाएगी. वित्त मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक कृषि को अपनाने के लिए सरकार एक करोड़ किसानों को तैयार करेगी. इसके साथ ही सरकार राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म उर्वरक एवं कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क तैयार करने के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसॉर्स सेंटर बनाएगी. 


पीएम-प्रणाम योजना


इसके अलावा वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने एवं रासायनिक उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल के लिए राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पीएम-प्रणाम योजना (PM PRANAM) के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा. सरकार एक आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम भी शुरू करेगी, जो उच्च मूल्य वाली बागवानी की फसलों के लिए बीमारियों से मुक्त व गुणवत्तायुक्त पौधारोपण सामग्रियों की उपलब्धता को बढ़ाएगा. इसके लिए 2,200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.


वित्त मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों को एग्री स्टार्टअप्स के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक एग्रीकल्चर एक्सीलेरेटर फंड बनाएगी. किसान केंद्रित समावेशी समाधान मुहैया कराने के लिए एक डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार की जाएगी.


वित्त मंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों यानी श्री अन्न के मामले में भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए हैदराबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तौर पर समर्थन प्रदान किया जाएगा. आपको बता दें कि भारत पहले ही मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है. देश में ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कांगनी, कुटकी, कोदो, चीना और सामा जैसे कई मोटे अनाजों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है.


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