नई दिल्लीः आज से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है और राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वे भी पेश कर दिया है. कल 1 फरवरी को बजट है और ये पहला मौका है जब आम बजट के साथ रेल बजट को संसद के पटल पर रखा जाएगा. हालांकि सारे देश की नजर अब कल आने वाले बजट पर है. जनता की मांग है कि टैक्स स्लैब का दायरा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दिया जाए ताकि उनके ऊपर टैक्स का बोझ कम हो सके.
आज हम आपको बताते हैं कि अगर सरकार ने टैक्स फ्री इनकम की लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख या 4 लाख रुपये कर दी तो आपको इसका वास्तव में कितना फायदा मिलेगा? इसकी जानकारी के लिए ऑप्टिमा मनी मैनेजर के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मठपाल ने अलग-अलग टैक्स स्लैब होने पर आपके टैक्स की कितनी बचत होगी इन सवालों का जवाब दिया है.
सवालः अगर इस बजट में टैक्स फ्री इनकम को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख या 4 लाख रुपये तक किया जाता है तो सैलरी क्लास को टैक्स में कितना फायदा मिलेगा?
जवाबः मौजूदा स्थिति में सामान्य श्रेणी के टैक्सपेयर्स यानि कि जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है उन्हें 2.50 लाख तक की आय पर पर कोई इनकम टैक्स नहीं चुकाना होता. उदहारण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय 5 लाख रुपये है तो उसे 25750 रुपये का आयकर (एजुकेशन सेस सहित) चुकाना होता है. अब यदि कर मुक्त आय की सीमा 2.50 लाख से बढ़ा कर 3 लाख दी जाती है तो 5 लाख की आय पर करदाता को 20650 रुपये का आयकर चुकाना होगा. वही यदि करमुक्त आय की सीमा 4 लाख कर दी जाती है तो उसे केवल रुपये 10300 का आयकर चुकाना होगा.
सवालः जैसे अभी 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय वालों पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है तो टैक्स स्लैब बदलने पर 2.5 लाख, 3 लाख, 3.5 लाख, 4 लाख, 4.5 लाख और 5 लाख रुपये तक आय वालों का टैक्स ब्रेकअप क्या होगा?
जवाबः प्रचलित आयकर नियमों के अनुसार 2.50 लाख से 5 लाख तक 10%, 5 लाख से 10 लाख तक 20% और 10 लाख से ज्यादा की आय पर 30% की दर से आयकर चुकाना होता है. उम्मीद की जा रही है को आने वाले बजट में वित्त मंत्री 3 लाख से 7 लाख तक 10%, 7 लाख से 12 लाख तक 20% और 12 लाख से ज्यादा की आय पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव रुख सकते हैं.
सवालः बजट में आयकर देने वालों के लिए सबसे बड़ी राहत का क्या ऐलान हो सकता है? डायरेक्ट टैक्स या इनडायरेक्ट टैक्स में कटौती से कितना फायदा मिलेगा?
जवाबः आयकर को विभिन्न धाराओं के अन्रार्गत छूट का प्रावधान है. छूट की इन सीमाओं को बढ़ाया जा सकता है. कर मुक्त आय का दायरा बढाने के अतिरिक्त सरकार धारा 80 सी के तहत निवेश की सीमा को 1.50 लाख से बढाकर 2.50 लाख कर सकती है और साथ ही होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर मिलने वाली छूट को भी बढाया जा सकता है. मौजूदा स्थिति में यदि आप ऐसे घर में जिस पर आपने ऋण लिया है और खुद उस घर में रह रहे हैं तो आप केवल रुपये 2 लाख तक के ब्याज को ही आपनी आय से घटा सकते हैं किन्तु उम्मीद की जा रही है की कटौती की यह सीमा 2 लाख से बढ़ा कर 3 लाख कर दी जाए.
अभी टैक्स सेविंग म्यूचुअल फण्ड (ईएलएसएस) में निवेश पर आयकर की धारा 80 सी के तहत 1.50 लाख की तय सीमा के अंतगत ही टैक्स में छूट मिलती है. उम्मीद की जा सकती है की इक्विटी में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार म्यूचुअल फण्ड में निवेश पर अतिरिक्त टैक्स छूट की घोषणा कर सकती है.
सवालः क्या बजट में इनडायरेक्ट टैक्सेज में कमी की उम्मीद की जा सकती है या इस बार ये टैक्स बढ़ेंगे?
जवाबः वैसे तो सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि इस बजट में सरकार डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स की कैटेगरी को ही खत्म करने वाली है. इसकी जगह रेवेन्यू एक्सपेंडिचर
और कैपिटल एक्सपेंडिचर की 2 अलग कैटेगरी बनाई जाएंगी. लिहाजा इनडायरेक्ट टैक्स में छूट की संभावना जैसे सवाल खत्म हो जाते हैं. हालांकि इस बात का संकेत ज्यादातर सभी जानकार दे रहे हैं कि सर्विस टैक्स मौजूदा 15% से बढाकर 16-18% किया जा सकता है.
सवाल: बजट में सुपर रिच टैक्स या अत्यंत धनवानों के लिए किसी अलग टैक्स की गुंजाइश कितनी है और अगर ये लगता है क्या इससे सरकार के टैक्स राजस्व में इजाफा होगा?
जवाबः ऐसे व्यक्ति विशेष जिनकी आय 1 करोड़ से ज्यादा है उन्हें अपनी आयकर पर 15% का सरचार्ज देना पढता है. इस बजट में इस मद में और बढोतरी की गुंजाइश अभी कम है.
इसके लेखक ऑप्टिमा मनी मैनेजर के मैनेजिंग डायरेक्टर पंकज मठपाल हैं.
बजट से जुड़ी और खबरों के लिए यहां क्लिक करें
बजट में लग सकता है झटकाः सर्विस टैक्स बढ़कर 16-18% तक हो सकता है
बजट 2017: जानें ये 5 बातें जो इस बजट को बना रही हैं खास
बजट सत्र में राष्ट्रपति ने कहा ‘सरकार ने आतंक-कालेधन की फंडिंग पर लगाई लगाम
अरुण जेटली ने पेश किया आर्थिक सर्वेः 2017-18 में विकास दर 6.75-7.50% रहने का अनुमान
ब्याज दरें कम होने से EMI घटने के साथ-साथ होंगे ये बड़े फायदे
पांच महीनों तक चलती हैं बजट की तैयारियां, ऐसे तैयार होती हैं आर्थिक नीतियां!
बजट विशेष: वित्त मंत्रालय में हर शख्स पर रहती है CCTV की नज़र, टैप होते हैं अधिकारियों के फोन!