नई दिल्लीः बजट 2019-20 में सोने पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी करने से सर्राफा इंडस्ट्री ने निराशा जताई है. उनका कहना है कि इससे देश में गोल्ड इंडस्ट्री पर बुरा असर पड़ेगा और इसके गैरकानूनी कारोबार और तस्करी का खतरा बढ़ेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने और कीमती मेटल्स पर कस्टम ड्यूटी को 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है.


वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के भारत में मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदरम पी आर ने बजट प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘आयात शुल्क वृद्धि से देश का स्वर्ण उद्योग नकारात्मक तरीके से प्रभावित होगा.इससे ऐसे समय सोने को निवेश की संपत्ति बनाने के प्रयासों को झटका लगेगा जबकि वैश्विक स्तर पर इसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है.’’ उन्होंने कहा कि इससे ‘ग्रे मार्केट’ को भी बढ़ावा मिलेगा जिससे नकद लेनदेन कम करने के प्रयास प्रभावित होंगे.


कल्याण ज्वेलर्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर टी एस कल्याणरमन ने कहा कि सीमा शुल्क वृद्धि से शॉर्ट टर्म में सोने की खरीद प्रभावित हो सकती है. इससे बाजार में गैरकानूनी तरीके से सोने की आपूर्ति बढ़ सकती है.


अंजली ज्वेलर्स के निदेशक ए यू चौधरी ने कहा कि यह उद्योग के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं. शुभ अवसरों पर लोग सोने का इस्तेमाल करते हैं. मुश्किल समय में भी यह काम आता है.


आल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (जीजेसी) के वाइस चेयरमैन शंकर सेन ने वित्त मंत्री के प्रस्तावों पर निराशा जताई. उन्होंने कहा कि हमने सोने पर आयात शुल्क धीरे-धीरे घटाकर चार प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था, लेकिन केंद्र ने इसे 2.5 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. इससे सोने की मांग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. काउंसिल ने सरकार से स्वर्ण मौद्रिकरण योजना को आकर्षक बनाने को कहा है ताकि उद्योग को कच्चे माल के रूप में घरेलू सोने तक बेहतर पहुंच उपलब्ध हो सके.


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