Union Budget 2023: केंद्रीय बजट 2023 ऐसे समय पर आ रहा है, जब दुनिया में मंदी की आशंका और कोविड महामारी ने महंगाई दर को बढ़ाया है. ऐसे में आम नागरिकों से लेकर उद्योग को इस बजट से खास उम्मीदें हैं. सबसे बड़ी उम्मीद टैक्स की दरों को लेकर की जा रही है. एक्सपर्ट का मानना है कि बजट में छह प्रमुख बदलाव टैक्स को लेकर हो सकते हैं. 


टैक्सपेयर्स सरकार से केंद्रीय बजट 2023-24 में टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं. लाइव मिंट से बातचीत में टैक्स2विन के सह-संस्थापक सीए अभिषेक सोनी ने टैक्स को लेकर छह बदलावों की उम्मीद की है. आइए जानते हैं ये कौन-कौन से बदलाव हैं, जिने लेकर सरकार विचार कर सकती है. 


टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद 


टैक्स छूट की सीमा नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत 2.5 लाख  सालाना है. इसका मतलब है कि 2.5 लाख रुपये सालाना की कमाई करने वाले कोई भी टैक्स नहीं भरेंगे. वहीं 5 लाख रुपये सालाना आय कमाने वाले व्यक्ति 5 फीसदी स्लैब रेट देते हैं.  वित्त वर्ष 2014-15 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में इस बार यह लिमिट 5 लाख रुपये तक बढ़ सकती है. 


होम लोन कटौती लिमिट में इजाफा 


खुद की संपत्ति पर लिए गए होम लोन के लिए आप 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. आने वाले बजट में सेक्शन 24(b) के तहत इसे 3 लाख रुपये तक बढ़ाने की उम्मीद बन रही है. हालांकि अभी संपत्ति की कीमत पिछले पांच साल में काफी बढ़ चुकी है और देश महंगाई दर में 6 से 7 प्रतिशत तक बढ़ोतरी देख चुका है तो लंबे समय से इस मद में राहत बढ़ाने की मांग हो रही है जिसके इस बजट में पूरा होने की आशा है.


स्टैंडर्स डिडेक्शन लिमिट  


वर्तमान टैक्सेशन सिस्टम के तहत सैलरीड शख्स 50 हजार रुपये तक के स्टैंडर्ड डिडक्शन का दावा कर सकते हैं. यह कटौती का दावा बिना किसी डेक्लेयरेशन और प्रूफ के बिना सिर्फ वेतन से हुई आमदनी पर की जा सकती है. सैलरीड क्लास टैक्सपेयर्स अब इस क्लेम को 1 लाख रुपये तक हो जाने की उम्मीद कर रहे हैं. 


सेक्शन 80C के तहत छूट की लिमिट 


आयकर की धारा सेक्शन 80C के तहत ज्यादातर लोग टैक्स सेविंग का फायदा उठाते हैं. PPF या EPF, ELSS, NSC, NPS, SSY और अन्य योजनाओं के तहत लोग सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स सेविंग कर रहे हैं, लेकिन आय बढ़ने से यह कुल टैक्स छूट की लिमिट थोड़ी कम लगती जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये तक कर सकती है. वित्त मंत्री ऐसा कर देंगी तो मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग की जनता को सबसे ज्यादा राहत मिल सकती है.


सेक्शन 80TTA के तहत कटौती की सीमा में बढ़ोतरी 


आयकर की धारा 80TTA के तहत 10,000 रुपये की टैक्स छूट सेविंग अकाउंट के ब्याज पर दी जाती है. हालांकि आज के समय में बैंक में पैसा जमा करने और निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस धारा के तहत टैक्स छूट बढ़ाकर 20,000 रुपये तक की जा सकती है.


प्रोफेशनल्स के लिए टैक्स स्कीम में बदलाव 


धारा 44ADA के तहत टैक्सेशन स्कीम के तहत बिजनेस सलाहकार, एक्सपर्ट जैसे प्रोफेशनल्स को इस बजट में छूट मिल सकती है. अभी इन्हें 50 फीसदी का टैक्स देना होता है. अगर इनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये है तो कुल लाभ या वास्तविक लाभ जो भी अधिक हो, उसकी 50 फीसदी कटौती होती है. अब इस टैक्स कटौती को कम करके 35-40 फीसदी करने की मांग है. 


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