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रक्षा मंत्रालय से सेना की मांग- हथियारों और सैन्य-उपकरणों की खरीद के बजट में GST-कस्टम टैक्स भी जोड़ा जाए
अंतरिम बजट में सरकार ने सेना के लिए तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक आवंटित किए थे, जो कि अब तक किसी भी साल आवंटित किए गए रकम से अधिक है.
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नई दिल्ली: आम बजट 2019 से पहले सेना ने रक्षा मंत्रालय से बड़ी मांग की है. सेना ने रक्षा मंत्रालय से कहा है कि सैन्य-उपकरणों और हथियारों की खरीद के लिए सरकार की तरफ से जो बजट दिया जाता है, उसमें जीएसटी और कस्टम टैक्स भी जोड़ कर फंड दिया जाए. ये मांग सेना ने इसलिए की है क्योंकि इन हथियारों की खरीद में जीएसटी और इंकम टैक्स भी सरकार को देना पड़ता है. आपको बता दें कि पांच जुलाई को मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है.
गौरतलब है कि अंतरिम बजट में सरकार ने सेना के लिए तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक आवंटित किए थे, जो कि अब तक किसी भी साल आवंटित किए गए रकम से अधिक है. उस वक्त अंतरिम बजट पेश कर रहे पीयूष गोयल ने लोकसभा में बजट भाषण के दौरान इस बात की जानकारी दी थी. उन्होंने 2019-20 के लिए अंतरिम बजट (वोट ऑन अकाउंट) पेश करते हुए कहा था, "हमारे सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं, जिन पर हमें गर्व है. हमने हमारी सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए बजट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है, जो अब तक सबसे ज्यादा है. अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त फंड मुहैया कराया जाएगा."
कांग्रेस ने रक्षा बजट बढ़ाने की मांग की कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा के शून्यकाल में रक्षा बजट कम करने को लेकर सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश चीन अपने रक्षा बजट को लगातार बढ़ा रहा है, जबकि हमारे रक्षा बजट में लगातार कमी की जा रही है. मनीष तिवारी ने कहा कि रक्षा बजट में कटौती करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने सरकार से इसपर ध्यान देने को कहा. मनीष तिवारी ने कहा कि पहले देश का रक्षा बजट जीडीपी का 1.8 फीसद होता था, लेकिन अब इसे घटाकर 1.5 फीसद पर ला दिया गया है.
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