बजट 2019: बजट पेश होने में बस 2 दिन बाकी हैं और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऊपर अपने डेब्यू बजट में देश के कई वर्गों की आशाओं-उम्मीदों को पूरा करने का भार होगा. इस बजट में रिटेल इंडस्ट्री की भी काफी सारी उम्मीदें हैं जिनके पूरा होने की आस ये सेक्टर लगाए हुए है.
रिटेल इंडस्ट्री की बात करें तो ये पिछले कुछ सालों में देश की सबसे तेजी से बढ़ती इंडस्ट्री के तौर पर उभरी है. माना जा रहा है कि साल 2020 तक भारत की रिटेल इंडस्ट्री का साइज 3600 बिलियन डॉलर का हो जाएगा जो कि साल 2017 में 1824 बिलियन डॉलर का था. साफ है कि इस सेक्टर में बेहद तेजी से ग्रोथ हो रही है और इस सेगमेंट में लोगों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है. लिहाजा वित्त मंत्री से उम्मीद है कि रिटेल इंड्स्ट्री के लिए वो कुछ ऐसे एलान इस बजट में कर सकती हैं जिससे इस इंडस्ट्री की तरक्की की रफ्तार और तेज हो सके.
रिटेल इंडस्ट्री को अप्रैल 2000 से दिसंबर 2018 के दौरान करीब 1.59 बिलियन डॉलर का एफडीआई (फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट) मिला है. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कंज्यूमर गुड्स, जिनमें कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स भी शामिल हैं और होम अप्लायसेंज की श्रेणी भी शामिल है उनको लेकर लोगों की रुचि बढ़ी है और पिछले कुछ महीनों में इंडियन रिटेल स्पेस में जमकर निवेश आया है.
हालांकि रिटेल इंडस्ट्री को लेकर काफी कुछ कहा जा चुका है और इसमें तेजी से तरक्की भी हो रही है लेकिन फिर भी इस इंडस्ट्री की बजट से कुछ डिमांड हैं जो यहां पर आप जान सकते हैं-
- रिटेल सेक्टर को इंडस्टी का दर्जा दिया जाए जिससे इस सेक्टर को विभिन्न आर्थिक सहायता मिल सके और ये ज्यादा से ज्यादा इंवेस्टमेंट और इंसेंटिव्स आकर्षित कर पाए.
- टैक्स रिफंड फॉर टूरिस्ट (टीआरटी) स्कीम को भारत में भी लाया जाए जैसा कि कई देशों में किया जाता है. इसके जरिए विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत में ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और रिटेल सेक्टर में और अधिक फंड आ पाएंगे.
- इस सेक्टर में रोजगार के मौके बढ़ाने के लिए कोई एलान किए जाएं जिससे कंज्यूमर डिमांड को पूरा करने के साथ-साथ देश की रोजगार की समस्या को भी दूर किया जा सके.
- डिजिटल पेमेंट्स को और अधिक आसान बनाया जाए और इसपर लिए जाने वाले शुल्क कम किए जाएं जिससे कंज्यूमर्स के लिए शॉपिंग करना आसान हो सके और इसमें तेजी आ सके.
- रिटेल सेक्टर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे सप्लाई चेन नेटवर्किंग को और प्रभावी बनाया जा सके. शॉपिंग के लिए बने विशिष्ट स्थानों के साथ ही सरकार को तयशुदा जगहें निर्धारित करनी चाहिए जिनमें लोगों को छूट मिलती हो. साथ ही ऐसी जगहों की कनेक्टिविटी भी बढ़ाई जानी चाहिए जिसके जरिए रिटेलिंग सेंटर्स में कंज्यूमर्स की आमद यानी फुटफॉल बढ़ाया जा सके.
इन सब उम्मीदों के आधार पर कहा जा सकता है कि अगर ये बजट में पूरी की जाती हैं तो रिटेल सेक्टर की देश में और ज्यादा रफ्तार से बेहतरी देखी जा सकेगी. हम उम्मीद कर सकते हैं कि वित्त मंत्री इनके उपर ध्यान देंगी.
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