नई दिल्ली: आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत को ई-वाहनों के वैश्विक हब बनाने का एलान किया है. वित्त मंत्री के इस एलान का उद्योग जगत ने स्वागत किया है. वित्त मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों का रुझान बढ़े इसके लिए प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष कर दोनों से ही संबंधित प्रोत्‍साहन देने की घोषणा की है. वित्त मंत्री के इस एलान के बाद सोसायटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हिक्ल्स (एसएमईवी) के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रस्तावित कदम उपभोक्ताओं और विनिर्माताओं दोनों के लिए लाभदायक हैं.


ऑटो इंडस्ट्री के लोगों ने की तारीफ


एसएमईवी के महानिदेशक ने बयान जारी कर कहा, ''भारत को ई-वाहन विनिर्माण हब बनाना, धारा 35 ए डी (1) (पूंजीगत निवेश से जुड़ी कर छूट) के लाभ का विस्तार करते हुए ई-वाहन निर्माण को प्रोत्साहित करना सही दिशा में उठाये गए कदम हैं. इससे स्थानीय विनिर्माण आधार तैयार करने में मदद मिलेगी और कल-पुर्जा बनाने वाली कंपनियों को इस क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.''


सोहिंदर गिल ने कहा कि ई-वाहन की खरीद पर आयकर में डेढ़ लाख रुपये तक की छूट से भी ग्राहकों को फायदा मिलेगा. बैट्री से चलने वाली बस बनाने वाली ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक के कार्यकारी निदेशक नागा सत्यम ने कहा, "बजट में किये गए प्रस्ताव उद्योग की उम्मीदों से भी आगे बढ़कर है. ई-वाहन उद्योग के बारे में सरकार के इरादों को लेकर निवेशकों के दिमाग में कुछ संशय थे लेकिन चालू वित्त वर्ष के बजट में की गई घोषणाओं से वे सारे संदेह जरूर समाप्त हो गए होंगे."


पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन बनाना लक्ष्य


बता दें कि वित्त मंत्री ने कहा है कि फेम योजना के दूसरे चरण में आधुनिक बैट्री और पंजीकृत ई-वाहन की खरीद के लिए छूट दी जाएगी. फेम योजना का दूसरा चरण 1 अप्रैल, 2019 से प्रारंभ हो गया है. इस योजना के लिए तीन साल के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई है. योजना का मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को प्रोत्साहन देना है. इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए स्पॉट बनाए जाने पर रियायत दी जाएगी. योजना के तहत केवल आधुनिक बैट्रियों और पंजीकृत ई-वाहनों को ही रियायत दी जाएगी. इसका लक्ष्य लोगों को किफायती और पर्यावरण अनुकूल सार्वजनिक परिवहन का विकल्प प्रदान करना है.


इलेक्ट्रिक वाहनों पर वित्त मंत्री का ये है एलान 


वित्त मंत्री ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाले जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया दिया है. इन वाहनों को किफायती बनाने के लिए सरकार, इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए कर्ज पर 1.5 लाख रुपये तक के ब्याज के लिए कर में कटौती का लाभ देगी. करदाताओं को इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर लगभग 2.5 लाख रुपये तक का फायदा हो सकता है.


बजट 2019: पेट्रोल-डीजल, मार्बल, टाइल्स सहित सोने की कीमतें बढ़ीं, जानें- क्या हुआ सस्ता-महंगा


बजट पर रायः सरकार ने बताया न्यू इंडिया का बजट, विपक्ष ने कहा 'नयी बोतल में पुरानी शराब'


बजट: योगेंद्र यादव ने बताया 'जीरो बजट स्पीच', कहा- न सूखे का जिक्र, न आय दोगुना करने की बात

वित्त मंत्री की घोषणा, कहा- 'इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर मिलेगी छूट, भारत बनेगा ऐसे वाहनों के निर्माण का ग्लोबल हब'