नई दिल्ली: इस साल दो फरवरी को जब मोदी सरकार ने अपना अंतरिम बजट पेश किया था तब स्वास्थ्य बजट में काफी इज़ाफा किया था. अंतरिम बजट पेश करते वक़्त तत्कालीन वित मंत्री पीयूष गोयल ने साल 2019-20 के लिए 61,398.12 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया था. जबकि उससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 54,302.50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था. यानी इस बार तकरीबन 16% का इज़ाफा. इस बार जब पूर्ण बजट पेश होगा तो यही उम्मीद की जा रही हैं कि ये बजट राशि थोड़ी ज्यादा हो सकती है.

वहीं, मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के लिए 6400 करोड़ रुपए का अंतरिम बजट में प्रावधान किया गया था. इसमें कुछ बढ़ोतरी हो सकती. इस योजना के तहत गरीब परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक के इलाज का प्रावधान है. वहीं, अंतरिम बजट में देश में 22 एम्स अस्पताल बनाने के ऐलान किया गया था, जिसे इस बजट में शामिल किया जाएगा.


लगातार बढ़ रहे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम के मामलों को लेकर इस बार बजट में कुछ खास व्यवस्था की जा सकती है. इसको लेकर कोई रिसर्च सेंटर बनाने का एलान हो सकता है.


इसके अलावा देश में चल रही जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ सकती है. इन जन औषधि केंद्रों पर लोगों को सस्ती दवाई मिलती है. वहीं कुछ अस्पतालों के विस्तार के लिए भी इस बजट में व्यवस्था की जा सकती है.


आयुर्वेद जैसी वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था के लिए भी इस बजट में एलान हो सकता है. इस साल पेश हुए अंतरिम बजट में आयुष मंत्रालय के लिए 1739.76 करोड़ रुपए प्रावधान किया गया था, जबकि पिछले साल के बजट में ये राशि 1692.77 करोड़ रुपए थी. उम्मीद की जा रही है कि इस बार अंतरिम बजट जितना प्रावधान होगा.