नई दिल्लीः बजट सत्र की शुरुआत के साथ ही देश की आर्थिक हालत का ब्यौरा सामने आ गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किया. आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए देश की विकास दर 6.75-7.50 फीसदी के बीच रहने का अनुमान दिया गया है. आर्थिक सर्वे देश की आर्थिक हालत का सटीक प्रतीक होता है और माना जाता है कि इसके आधार पर बजट के प्रस्तावों को तैयार किया जाता है, लिहाजा आपके लिए जानना बेहद जरूरी है कि इस बार आर्थिक सर्वे में कौन-से आर्थिक अनुमान दिए गए हैं.
आर्थिक सर्वे के ये 5 बड़े पहलू
1. नोटबंदी का कृषि सेक्टर पर असर :
अरुण जेटली ने नोटबंदी के बाद कृषि सेक्टर पर आए असर की समीक्षा करने की बात कही है. इसकी वजह है कि नोटबंदी के बाद किसानों को बीज और उर्वरक खरीदने में दिकक्तों का सामना करना पड़ा था. कृषि में अच्छी वृद्धि हो रही है लेकिन नोटबंदी के असर के बाद कृषि क्षेत्र की विकास का अध्ययन किया जाएगा. ये देखना होगा कि अगले साल मानसून का अर्थव्यवस्था पर क्या असर आता है
2. रियल एस्टेट सेक्टर में आएगी गिरावट :
आर्थिक सर्वे में वित्त मंत्री ने रियल एस्टेट सेक्टर के दाम और गिरने का अनुमान दिया है. आगे चलकर रियल स्टेट की कीमतों में गिरावट आएगी. नोटबंदी के बाद रियल स्टेट बुरी तरह प्रभावित हुआ है और इसमें सुधार के लिए किफायती आवास के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
3. कच्चे तेल के दाम बढ़ने से भारत में बढ़ेंगे ईंधन के दाम :
कच्चे तेल के दाम 65 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जाते हैं तो वैश्विक तेल के दाम बढ़ सकते हैं. वैश्विक दृष्टिकोण से अगर कच्चे तेल की कीमत 65 से ऊपर चली जाती है, तो हमारी अर्थव्यवस्था पर भी इसका उल्टा असर देखा जाएगा.
4. कैश की दिक्कत का हो जाएगा समाधान :
आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद पैदा हुई नकदी की समस्या अप्रैल 2017 तक खत्म हो जाएगी.
5. वित्त वर्ष 2017-2018 में नौकरियां बढ़ेंगी :
वित्त वर्ष 2017-2018 में देश में श्रम और रोजगार में बढ़ोतरी होगी जिससे ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी.
अरुण जेटली ने पेश किया आर्थिक सर्वेः 2017-18 में विकास दर 6.75-7.50% रहने का अनुमान
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