INFORMATION: जानें बजट से जुड़े हुए इन 10 खास शब्दों का मतलब
आम बजट के बारे में आप कितना जानते हैं. क्या आपको बजट से संबंधित महत्वपूरण शब्दों के मतलब पता है. अगर नहीं तो आपको हम आज 10 शब्दों के मतलब बताने जा रहे हैं.
नईदिल्ली: केंद्र सरकार पांच जुलाई को आम बजट पेश करने वाली है. इससे पहले फरवरी में मोदी सरकार 1 ने अंतरिम बजट पेश किया था. इस बार पहली दफा वित्त मंत्री बनीं निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी और इससे लोगों को काफी उम्मीदें हैं. विभिन्न वर्गों के लोगों की सरकार से आस है कि वह इस बजट में प्रगतिशील आर्थिक सुधारों के प्रावधान करेगी, जिन्हें जमीन पर उतारने के लिए उसके पास पांच साल का पर्याप्त वक्त होगा. अब क्योंकि बजट पेश होने का समय नजदीक है तो ऐसे में बजट से जुड़ी जानकारी को ताजा करने का यह अच्छा समय है. आज हम आपको बजट से जुड़े हुए 10 खास शब्दों का मतलब बताने जा रहे हैं. इन शब्दों का मतलब जानकर आपको बजट को समझने में ज्यादा आसानी होगी.
1-वार्षिक वित्तीय विवरण
वार्षिक वित्तीय विवरण बजट में सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है. संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत, सरकार को राजकोष के लिए अनुमानित राजस्व और व्यय का एक विवरण पेश करना होता है. इस विवरण को 'वार्षिक वित्तीय विवरण' कहा जाता है. यह दस्तावेज़ तीन भाग में विभाजित होता है- समेकित निधि, आकस्मिक निधि और सार्वजनिक खाता.
2-समेकित कोष समेकित कोष के बारे में संविधान के अनुच्छेद 266 में बताया गया है. इसमें केंद्र सरकार के जरिए एकत्र कर और लिये गये ऋण जमा किए जाते हैं. यह भारत सरकार की सबसे बड़ी निधी है. इस कोष को भारतीय संसद के अधीन रखा गया है, कोई भी बिना संसद की अनुमति के इससे धन नहीं निकाल सकता है.
3-आकस्मिकता निधि इसका निधि का गठन इसलिए किया है ताकी अचानक जरूरत पढ़ने पर सरकार इससे पैसा निकाल सके. ये निधि सरकार को अप्रत्याशित व्यय को पूरा करने में मदद करती है. इससे धन निकालने के लिए संसद के अनुमति लेने की जरूरत नहीं पढ़ती है. 4-सार्वजनिक खाता पब्लिक अकाउंट का गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 266 (1) के प्रावधानों के तहत किया जाता है, जो कि उन सभी फंडों के संबंध में है, जहां सरकार बैंकर के रूप में काम कर रही है. हालांकि, सरकार का इस धन पर कोई अधिकार नहीं है क्योंकि, उसे जमाकर्ताओं को वापस करना है. इस निधि से होने वाले व्यय को संसद द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है.5-कटौती प्रस्ताव या कट मोशन
आम तौर पर कट मोशन का इस्तेमाल विपक्ष के द्वारा किया जाता है. सरकार संसद के सामने अनुदान मांगों को मंजूरी के लिए सदन में पेश करती है. वहीं विपक्ष के जरिए विभिन्न मांगों में कटौती के लिए मांग की जाती है. 6-राजकोषीय घाटा सरकार की आय और व्यय के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है. इस कमी को पूरा करने के लिए जनता से पैसा लेना पड़ता है. राजकोषीय घाटा सरकार की आय की तुलाना में व्यय अधिक होने पर होता है.7-वित्त विधेयक
वित्त विधेयक को केंद्रीय बजट की प्रस्तुति के तुरंत बाद प्रस्तुत किया जाता है. इसे संविधान के अनुच्छेद 110 के अंतर्गत पेश किया जाता है. इसमें बजट में प्रस्तावित करों के प्रभाव, उन्मूलन, परिवर्तन और विनियमन के बारे में सभी जानकारी होती है.
8-राजस्व बजट राजस्व बजट में सरकार की राजस्व प्राप्तियों के साथ-साथ उसका व्यय भी शामिल होता है. राजस्व प्राप्तियों को कर और गैर-कर राजस्व में विभाजित किया गया है. कर राजस्व में आयकर, कॉर्पोरेट कर, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, सेवा और अन्य कर्तव्यों जैसे कि सरकार द्वारा लगाए जाने वाले कर शामिल होते हैं. गैर-कर राजस्व में कर्ज पर ब्याज, निवेश पर लाभांश शामिल हैं.
9-राजस्व घाटा राजस्व घाटा राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बीच का अंतर है. यह घाटा वर्तमान व्यय पर सरकार की वर्तमान आय में कमी से होता है.
10-अंतरिम बजट अंतरिम बजट को अनुच्छेद 116 के तहत पेश किया जाता है. इसमें सरकार किसी भी तरह का कोई नया टैक्स नहीं लगाती है. बजट में सरकार कुछ महीने का खर्च चलाने के लिए विभागवार आवंटन कर की धनराशि की मांग संसद के सामने रखती है. इस बजट में सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं लेती है.
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