नई दिल्ली: मोदी सरकार जल्द ही अपने मौजूदा कार्यकाल के आखिरी साल का 'अंतरिम बजट' देश के सामने पेश करने वाली है. बजट पेश करने के लिए आर्थिक जानकारों, अधिकारियों की पूरी टीम तैयारी कर रही है. हर साल बजट पेश होने से पहले 'हलवा सेरेमनी' की रस्म मनाई जाती है. जिसके बाद आधिकारिक तौर पर बजट छपाई के लिए भेजा जाता है. इस सरेमनी में वित्त मंत्री हलवा बनाकर अपने विभाग में बांटते हैं. इसके पीछे कोई आधिकारिक वजह नहीं है, लेकिन ये एक स्वस्थ परंपरा के रूप में लगातार मनाया जाता रहा है.


जानें क्या है हलवा सेरेमनी

हर साल बजट पेश करने से पहले हलवा सेरेमनी की रस्म मनाई जाती है. इसके पीछे मान्यता रही है कि हर शुभ काम को करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए, साथ ही भारतीय परंपरा में हलवे को काफी शुभ भी माना जाता है. इस परंपरा के तहत वर्तमान वित्त मंत्री खुद बजट से जुड़े कर्मचारियों, बजट की छपाई से जुड़े कर्मचारियों और वित्त अधिकारियों को हलवा बांटते हैं. इस हलवे के बनने और बटने के बाद ही बजट के दस्तावेजों के छापने की प्रक्रिया शुरू होती है.


बजट की छपने की प्रक्रिया के शुरू होने से लेकर बजट के संसद में रखे जाने तक इन अधिकारियों को किसी से भी संपर्क करने की इजाजत नहीं होती है. इसके तहत नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिटिंग प्रेस में अगले कुछ दिन तक वित्त मंत्रालय के करीब 100 कर्मचारी रहते हैं. उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती और किसी को उनसे मिलने की मंजूरी नहीं होती है.


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बजट के छपने और इसके संसद के पटल पर रखने के बीच के दौरान अधिकारियों को अपने परिवार तक से मिलने की इजाजत नहीं होती है. नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बने प्रिंटिंग प्रेस में इन अधिकारी-कर्मचारियों को लगभग लॉक कर दिया जाता है. यहां केवल एक लैंडलाइन होता है जिसपर इनकमिंग की सुविधा होती है और इसके अलावा उनसे संपर्क करने का कोई तरीका नहीं होता. संपर्क भी केवल आधिकारिक कार्य तक के लिए ही संभव होता है.



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