Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट संसद में पेश कर दिया. इस दौरान आम आदमी को फिर मायूसी हाथ लगी. मिडिल क्लास तकरीबन 8 साल से टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए बैठा है. लेकिन उसे राहत क्यों नहीं मिली, इसका जवाब वित्त मंत्री ने महाभारत के एक श्लोक से दिया. वित्त मंत्री ने महाभारत के श्लोक का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी राजा को किसी भी तरह की ढिलाई न करते हुए धर्म के मुताबिक करों का संग्रहण करना चाहिए. 


वित्त मंत्री ने देश के टैक्सपेयर्स का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उन्होंने जरूरत के समय पर सरकार के हाथों को मजबूत किया है. निर्मला सीतारमण ने कहा, 'मैं इस अवसर पर देश के सभी करदाताओं के प्रति आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिन्होंने अत्यधिक सहयोग दिया है और जरूरत की इस घड़ी में अपने साथी नागरिकों की सहायता करके सरकार के हाथों को मजबूत किया है." 


महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 का श्लोक 11 पढ़ते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 


दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।
अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥ 


इसका मतलब है, 'राजा को किसी भी तरह की ढिलाई न करते हुए धर्म के मुताबिक करों का संग्रहण करने के साथ-साथ राज धर्म के मुताबिक शासन करके लोगों के कल्याण के लिए जरूरी व्यवस्थाएं करनी चाहिए.'


निर्मला सीतारमण ने कहा,"अपने प्राचीन ग्रंथों से ज्ञान और मार्गदर्शन हासिल करते हुए हमने विकास के रास्ते पर चलना जारी रखा है. इस बजट के प्रस्तावों का मकसद स्थिर और जाने-पहचाने टैक्स सिस्टम की हमारी घोषित नीति पर कायम रहते हुए, और अधिक ऐसे सुधारों को लाना है जो एक विश्वसनीय टैक्स सिस्टम स्थापित करने की हमारी संकल्पना को आगे बढ़ा सके. यह कर प्रणाली को और भी अधिक सरल बनाएगा, करदाताओं को स्वैच्छिक अनुपालन के लिए प्रोत्साहित करेगा, और मुकदमेबाजी को कम करेगा.


Budget: मध्यम वर्ग को नहीं मिली राहत, डिजिटल करेंसी से पोस्ट ऑफिस में ATM तक, जानें वित्त मंत्री के भाषण की बड़ी बातें


Budget 2022: मोदी सरकार के 10वें बजट पर क्या बोले शेयर मार्केट के 'बिग बुल' Rakesh Jhunjhunwala