नई दिल्ली: देश को कैशलेस बनाने की मुहिम को मजबूती देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि अब कोई भी राजनीतिक दल 2000 रुपये से ज्यादा चंदा कैश में नहीं ले सकेगा. जेटली ने कहा कि चंदा लेने के लिए राजनीतिक दलों को चेक या डिजिटल पेमेंट का सहारा लेना होगा. यानि अब 2000 रुपये से अधिक चंदा लेने पर राजनीतिक पार्टियों को अपनी लेनदेन का हिसाब चुनाव आयोग को देना होगा.
अब तक राजनीतिक पार्टियों को नकद में 20,000 रुपये तक चंदा लेने की छूट थी और उन्हें नकद में ली गई इस राशि का हिसाब किताब चुनाव आयोग को नहीं देना पड़ता था.
दरअसल 20,000 नकदी चंदे की आड़ में राजनीतिक पार्टियां अपने पूरे चंदे का 80 से 90 फीसदी चंदा नकद में ही दिखाती थीं. सरकार के नए फैसले से उसपर लगाम लग सकती है.
गौरतलब है कि बजट से पहले सरकार पर इस बात का दवाब था कि वह राजनीतिक चंदे में हो रहे भ्रष्टाचार पर किस तरह से लगाम लगाती है. इस बात का ध्यान रखते हुए सरकार ने यह बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अब चंदे के लिए डिजिटल पमेंट का रास्ता अपनाना होगा, ताकि राजनीतिक चंदे की ओट में हो रहे है भ्रष्टाचार पर लगाम लगाया जा सके.