बजट 2019 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री पीयूष गोयल नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है. अब 5 लाख रुपये की आया रखने वालों को किसी भी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना होगा. बीते वित्त वर्ष में इस टैक्स स्लैब का आंकड़ा 2.5 लाख रुपये था.


देश में करीब 127 करोड़ की आबादी है. जिनमें 49 करोड़ लोगों सक्रिय श्रम शक्ति (एक्टिव लेबर फोर्स) में शामिल है. बाकी के 78 करोड़ लोग लेबर फोर्स के दायरे से बाहर हैं. एक्टिव लेबर फोर्स में शामिल 49 करोड़ लोगों में 22 करोड़ कृषि श्रम का हिस्सा हैं. वहीं 27 करोड़ की आबादी गैर कृषि श्रम के अंदर आती है.


गैर कृषि श्रम के अंदर आने वाले नागरिक ज्यादातर इनकम टैक्स देनेवाले माने जाते हैं. इन 27 करोड़ लोगों में 18 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनकी आय 2.5 लाख रुपये कम है. करीब 9 करोड़ लोग हैं जिनकी आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है.


मोटे तौर पर देखें तो आयकर का सरकार को भुगतान करने वाले टैक्स पेयर्स ज्यादातर मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं. मगर आश्चर्यचकित कर देने वाले फैक्ट्स यह हैं कि इस देश में 27 करोड़ गैर कृषि श्रम के अंदर आने वाले लोगों में करीब 3 करोड़ लोग ही ऐसे हैं जो आयकर भरते हैं. अभी तक 93.3% लोग अपनी कमाई 2.5 लाख से कम दिखाते थे. महज 6.6 लाख लोग ही ऐसे हैं जो 2.5 लाख से ज्यादा अपनी कमाई दिखा कर आयकर का भुकतान करते हैं. यानी कुल मिला कर 13 लाख 86 हजार लोग ही आयकर का भुगतान करते हैं.


जाहिर है टैक्स स्लैब में मिली छूट के कारण करीब उन 9 करोड़ लोगों को बड़ी राहत मिलगे जिनकी आय 2.5 से ज्यादा है.