नई दिल्लीः अंतरिम बजट कल यानी 1 फरवरी को पेश होने वाला है और अब इसमें कुछ ही घंटों का समय बचा है. वित्त मंत्री का कार्यभार संभाल रहे पीयूष गोयल इसे पेश करेंगे. बजट का काउंटडाउन शुरू होने के साथ ही लोगों की उम्मीदें उफान पर हैं और हर क्षेत्र से लोगों को भारी आशा हैं. ऐसे में सरकार ऐसे लोगों की उम्मीदों पर ज्यादा खरी उतरने की कोशिश करेगी जिनके जरिए लोकसभा चुनाव की नैया पार हो सके.


इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक आगामी वित्तीय वर्ष जो अप्रैल 2019 से शुरू होने जा रहा है इसमें सरकार गांवों पर खर्च 16 फीसदी से ज्यादा बढ़ा सकती है. ऐसा इसलिए किया जा सकता है जिससे लोकसभा चुनाव में सरकार गांवों और ग्रामीणों से ज्यादा वोटों को हासिल कर सके.


कल आने वाले अंतरिम बजट में सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए रिकॉर्ड 1.3 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान कर सकती है जो कि पिछले बजटीय आवंटन 1.12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगा. बजट की सीधी जानकारी रखने वाली सूत्रों के मुताबिक ऐसा कहा जा रहा है.


मोदी सरकार के ऊपर किसानों या ग्रामीण लोगों की मांग पूरी करने का भारी दबाव है क्योंकि देश की 1.3 अरब जनता का दो तिहाई हिस्सा ऐसे लोगों का है. किसानों के मु्द्दों को नजरंदाज करने का खामियाजा मोदी सरकार पिछले साल हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में झेल चुकी है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सालों की सत्ता बीजेपी के हाथ से फिसलकर कांग्रेस के हाथों में जा चुकी है. इन चुनावों में कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी के वादे को भुनाकर भारी संख्या में किसानों के वोट हासिल किए. बीजेपी पर इसीलिए किसानों के लिए कुछ खास और बड़ा करने का दबाव है.


सूत्रों के मुताबिक अगर मौजूदा मोदी सरकार आने वाले चुनावों के बाद फिर से सत्ता में लौटती है तो अपने आने वाले पूर्ण बजट में सबसे ज्यादा आवंटन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए कर सकती है. ऐसा होने पर सरकार को इसके लिए पहले से तैयार रहना होगा.


किन क्षेत्रों पर हो सकता है फोकस




  • ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के तहत बजटीय आवंटन बढ़ाया जा सकता है.

  • सूत्रों के मुताबिक ग्रमीण विकास मंत्रालय मौजूदा स्कीम के तहत फायदा पा रहे करीब 7 करोड़ लाभार्थियों को रोजगार कार्यक्रम के तहत और फायदा पहुंचाने के लिए कुछ कदम उठा सकती है.

  • इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक विधवाओं और दिव्यांगो के लिए भी सरकार करीब 30 हजार करोड़ रुपये का एलोकेशन कर सकती है.


4.5 साल में देश की औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.3%, भारत छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बना- राष्ट्रपति


बजट 2019: साल 1947 से लेकर अब तक, जानें बजट से जुड़े ये 10 रोचक तथ्य