विदेश जाने के लिए हर किसी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है. बजट के बाद इस तरह की चल रही खबरों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्पष्टीकरण जारी कर स्थिति को साफ करने का प्रयास किया है. डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह जरूरत हर किसी के लिए नहीं, बल्कि कुछ खास श्रेणी के लोगों के लिए है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किया साफ
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी की गई सफाई में कहा गया है- इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 230 के तहत हर किसी को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. इस तरह के क्लियरेंस सर्टिफिकेट की जरूरत कुछ ही लोगों को पड़ने वाली है, जिनके साथ कुछ अलग तरह की स्थितियां हैं. सीबीडीटी ने इस बारे में 5 फरवरी 2004 को नोटिफिकेशन जारी कर वैसे लोगों के बारे में बताया था, जिन्हें क्लियरेंस की जरूरत है.
सिर्फ इनको पड़ती है क्लियरेंस की जरूरत
पहले से दो तरह के लोगों को विदेश जाने के लिए इनकम टैक्स से क्लियरेंस सर्टिफिकेट की जरूरत होती थी. सबसे पहले वैसे लोग, जो गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्त हैं और जिनकी उपस्थिति इनकम टैक्स एक्ट या वेल्थ टैक्स एक्ट के तहत मामले की जारी जांच में जरूरी है. या फिर ऐसी संभावना है कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ टैक्स डिमांड निकल सकती है. दूसरी श्रेणी में वैसे लोग शामिल हैं, जिनके ऊपर 10 लाख रुपये से ज्यादा का डाइरेक्ट टैक्स बकाया है और बकाए पर किसी अथॉरिटी के द्वारा रोक नहीं लगाई गई है.
बिना वजह नहीं मांगा जाता है सर्टिफिकेट
डिपार्टमेंट के अनुसार, टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट की मांग किसी व्यक्ति से तभी की जाती है, जब उसकी वजहें मौजूद हों और वह मांग भी इनकम टैक्स के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर या चीफ कमिश्नर से अनुमति लेने के बाद की जाती है. अभी तक ऐसे सर्टिफिकेट में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से बताया जाता था कि संबंधित व्यक्ति के खिलाफ इनकम टैक्स एक्ट, वेल्थ टैक्स एक्ट 1957, गिफ्ट टैक्स एक्ट 1958 या एक्सपेंडिचर टैक्स एक्ट 1987 के तहत कोई बकाया नहीं है.
इस बजट में किया गया ये बदलाव
इस बजट में जिस बदलाव का प्रस्ताव किया गया है, उसके हिसाब से इनकम टैक्स एक्ट, वेल्थ टैक्स एक्ट 1957, गिफ्ट टैक्स एक्ट 1958 और एक्सपेंडिचर टैक्स एक्ट 1987 के साथ ब्लैक मनी एक्ट 2015 को भी जोड़ दिया गया है. यानी अब क्लियरेंस सर्टिफिकेट जारी करने से पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बात को सुनिश्चित करेगा कि पहले से तय कानूनों के अलावा ब्लैक मनी क कानून के तहत भी संबंधित व्यक्ति के ऊपर कोई बकाया नहीं है.
ये भी पढ़ें: बाजार का सबसे खूबसूरत शेयर! 2 रुपये से कम भाव, लगातार 6 दिनों से लग रहा है अपर सर्किट