नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वित्त और अन्य मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की. बजट से पहले हुई इस बैठक में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार सृजन के मुद्दों पर गहरा विचार विमर्श हुआ. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी पांच सचिवों के अलावा नीति आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी विभागों के साथ सुधारों की रूपरेखा पर विचार किया ताकि देश में कारोबार करने की व्यवस्थाएं और सुगम की जा सकें और अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके.
सूत्रों ने कहा कि बैठक में राजस्व बढ़ाने और सुधारों के जरिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की रफ्तार तेज करने के उपायों पर भी संभवतः चर्चा हुई. वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका पांच साल का निचला स्तर है.
आंकड़ों के मुताबिक महंगाई दर अभी भी मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के दायरे में है, लेकिन जनवरी-मार्च की तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत के पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है. इससे वृद्धि दर के मामले भारत अब चीन से पिछड़ गया है.
वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पांच जुलाई को पेश किया जाना है. पीएम मोदी ने उससे पहले शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार विमर्श शुरू किया है. इन विचारों को बजट में शामिल किया जा सकता है.
माना जा रहा है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार जहां विनिर्माण में निवेश को प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगी वहीं वह आगामी बजट में कृषि क्षेत्र की परेशानियों को दूर करने और किसानों की आय बढ़ाने के कदम भी उठाएगी.
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