नई दिल्लीः कल अंतरिम बजट पेश होने जा रहा है तो उसके साथ रेल बजट भी पेश किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार बजट में रेलवे के लिए सरकार 70000 से 75000 करोड़ रुपये का आवंटन कर सकती है. पिछले साल यानी रेल बजट 2018 में रेलवे को 55000 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता दी गई थी.


ऐसे में जानिए कि इस बार रेल बजट में क्या खास हो सकता है-


ट्रेनों की स्पीड पर एलान
रेल बजट में इस बार हाई स्पीड ट्रेनों और सेमी हाई स्पीड ट्रेनों को लेकर कुछ एलान किए जा सकते हैं. इसके अलावा मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर भी कुछ एलान किए जा सकते हैं. पिछली बार बजट में गाड़ियों की एवरेज स्पीड को बढ़ाने को लेकर जो एलान हुए थे इस दिशा में पूरे साल क्या काम हुआ है इसको लेकर भी विवरण दिया जा सकता है.


ट्रेन रूटस के इलेक्ट्रिफिकेशन पर काम
सरकार के मुताबिक भारतीय रेलवे के अलग अलग रूटों के इलेक्ट्रीफिकेशन का काम द्रुत गति से काम चल रहा है. ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के साथ साथ ट्रेनों को सुचारू रुप से चलाने और एडवांस संचालन को लेकर भी इसके तहत फायदा मिलेगा.


रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो
रेलवे की वित्तीय हालत अच्छी नहीं है और इसका ऑपरेटिंग रेश्यो 118 फीसदी पर बना हुआ है. इसक अर्थ है कि 100 रुपये कमाने के लिए भारतीय रेलवे को 118 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. इस तरह का चलन पिछले कई सालों से देखा जा रहा है और रेलवे के ऑपरेटिंग रेश्यों में सुधार के लिए सरकार किसी ठोस कदम का एलान कर सकती है.


यात्रियों की सुविधा से जुड़े एलान
यात्रियों की सुविधा से जुड़े एलान के तहत कई प्रमुख स्टेशनों पर वाइफाई सर्विस के साथ साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने का एलान हो सकता है. आधुनिक सिग्नल सिस्टम लगाने के लिए भी कुछ प्रोविजिन किए जा सकते हैं. इसके अलावा कुछ प्रमुख स्टेशनों पर एक्सीलेटर, लिफ्ट, दिव्यांगों के लिए खास सेवाएं, फूड प्लाजा, ट्रेनों में खानपान सेवा बेहतर करने जैसे कुछ बड़े एलान किए जा सकते हैं. खबरों के मुताबिक इस तरह की योजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजटीय आवंटन किया जा सकता है.


वंदे भारत एक्सप्रेस-ट्रेन 18/तेजस एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों से जुड़े एलान
ट्रेन 18 को ज्यादा स्टेशनों से चलाने का एलान किया जा सकता है. इस ट्रेन का नया नाम वंदे भारत एक्सप्रेस रखा गया है.


रेलवे कोच/ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम का अपग्रेडेशन
रेलवे कोच को अत्याधुनिक बनाने जैसे कई फैसले लिए जाने की उम्मीद है. इसके अलावा तेजस एक्सप्रेस के कोच जैसे और भी कोच बनाए जाने के लिए कुछ एलान किए जाने की संभावना है. वहीं GPS इनेबल ट्रेन ट्रैक सिस्टम, ट्रेन प्रोटेक्शन वार्निंग सिस्टम, आधुनिक मशीनों से ट्रैक मेंटीनेंस यानी ट्रैक व लोको मेंटिनेंस के लिए आधुनिक मशीनों के प्रयोग का प्रावधान भी किया जाएगा.


सुरक्षा के मोर्चे पर बड़े कदम
इस बजट में रेलों के सुरक्षित संचालन को लेकर कुछ कदम उठाए जाने पर जोर दिया जा सकता है. वहीं देश के कुल पांच रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय बनाने पर भी काम चल रहा है और इस लिस्ट में और नाम शामिल हो सकते हैं.


क्या है रेल बजट
भारतीय रेल का वित्तीय प्रतिवेदन (फाइनेंशियल स्टेटमेन्ट) हर साल दिया जाता है, जिसे रेल बजट कहते हैं. दरअसल 21 सितम्बर 2016 को भारत सरकार ने ये फैसला लिया कि अब से रेल बजट को आम बजट में शामिल कर लिया जायेगा. इस तरह 92 सालों से चली आ रही रेल बजट की प्रथा समाप्त कर दी गयी. 1 फरवरी 2017 को भारत का पहला 2017-18 का संयुक्त बजट पेश हुआ था.


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