नई दिल्ली: आम बजट के साथ साथ लोगों को रेल बजट से भी बहुत उम्मीदें हैं. 2017 से आम बजट और रेल बजट साथ साथ आ रहा है. दोनों ही बजट 1 फरवरी को आ रहे हैं. रेल बजट पर इस बार सरकार मेहरबान हो सकती है. रेल सुविधाओं में इजाफा करने पर सरकार का पूरा जोर दिखाई दे रहा है. इस बार पिछले रेल बजट के मुकाबले सरकार रेल के बजट में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी भी कर सकती है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं-


रेल बजट 2020 के तहत भारतीय रेल को एक नया रूप देने की कोशिश सरकार कर सकती है तो कहना गलत नहीं होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय रेल को अर्थ व्यवस्था के बड़े प्लेटफार्म के तौर पर देखते हैं. इसलिए सरकार इस बार के रेल बजट पर अधिक फोकस कर सकती है. मोदी सरकार भारतीय रेल के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर गंभीर है. माना जा रहा है कि इस बार रेलवे के विस्तार और उसके आधुनिकीकरण को लेकर बड़े कदम उठाए जाएंगे. जिसमें यात्रियों की सुविधाओं का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा.


भारतीय रेल के पूंजीगत व्यय में इस बार 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. मौजूदा वित्त वर्ष की अगर बात करें तो अभी रेलवे का व्यय 1.6 लाख करोड़ रुपये, जो बढ़कर 1.8 या 1.9 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. रेलवे कैपेक्स में हर साल 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी किए जाने के लक्ष्य के बारे में वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं.


रेल बजट में इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर, प्राइवेट प्लेयर्स को जोड़ना और सुरक्षा पर अधिक जोर दिए जाने  की संभावना है. रेल बजट में ट्रेन सेट 18 या वंदे भारत ट्रेनों की संख्या या इनके रूट को बढ़ाने पर भी कोई घोषणा हो सकती है. ट्रेनों की स्पीड को लेकर भी इस बजट में कुछ अच्छी खबर आ सकती है. इस बार रेल बजट में लाइनों के विद्युतीकरण को लेकर भी बड़ा बजट मिल सकता है. वहीं यात्रियों की सुविधाओं की बात करें तो इसे विकसित देशों की तरह बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकता है. जिसमें वाईफाई की सुविघा के साथ यात्रियों के मनोरंजन का भी ध्यान रखा जाएगा.


रेल बजट 2020: वित्त मंत्री से रेलवे के लिए इन एलानों की है उम्मीद