केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया है. इस बजट में तमाम सेक्टर्स को लेकर कई एलान किए गए हैं. जिनमें रेलवे भी शामिल है. केंद्र सरकार की तरफ से रेलवे के लिए कुल 2.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. हम आपको रेलवे के उन बड़े प्रोजेक्ट्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका काम लगातार जारी है और आने वाले कुछ महीनों और सालों में इनसे करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा.
रेलवे के इन बड़े प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम
चिनाब नदी रेलवे ब्रिज : चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल बनाया जा रहा है. चिनाब नदी रेलवे ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का एक हिस्सा है. 9.2 करोड़ डॉलर के बजट वाली 1.3 किलोमीटर लंबी यह परियोजना कश्मीर घाटी को शेष भारत से रेल नेटवर्क के माध्यम से जोड़ेगी. चिनाब रिवर रेलवे ब्रिज एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्च र (इंडिया), वीएसएल इंडिया और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग कंपनी का संयुक्त उपक्रम है. यह रेल के माध्यम से कश्मीर पहुंचने की तरफ एक और कदम है.
रैपिड ट्रेन का परिचालन : दिल्ली से मेरठ के बीच वर्ष 2025 में रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाना है. इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को तीन खंड में पूरा किया जाना है. इसका पहला खंड साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है. इस खंड पर रैपिड रेल को मार्च 2023 से यात्रा के लिए शुरू किया जाना है. इस खंड पर ट्रैक बनाने का कार्य पूरा हो गया है. यहां पर अब ओवरहेड इक्विपमेंट लाइन के इंस्टालेशन का कार्य चल रहा है. मार्च, 2023 से यह दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए दौड़ने लगेगी.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना : गुजरात के आठ जिलों और दादरा और नगर हवेली से गुजरने वाले समानांतर के साथ-साथ निर्माण कार्य शुरू हो गया है. वर्षों तक अधर में लटके रहने के बाद, बुलेट ट्रेन परियोजना ने हाल ही में गति पकड़ी है, जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है. अधिकारियों के अनुसार, परियोजना 2027 में पूरी हो सकती है.
बइरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना : पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए बइरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना पर काम जारी है. परियोजना के पूरे हो जाने के बाद देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विशेष रूप से मिजोरम में संचार और वाणिज्य के मामले में एक नए युग की शुरूआत होगी. बैराबी-सैरांग परियोजना का लक्ष्य पूर्वोत्तर भारत में अतिरिक्त 51.38 किमी रेलवे ट्रैक बनाना है.
भालुकपोंग-तवांग लाइन : भालुकपोंग-तवांग लाइन पूर्वोत्तर के महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, जो उस क्षेत्र में सेना की व्यापक जरूरतों को पूरा करेगी, जहां चीन के साथ तनाव बढ़ा हुआ है. प्रस्तावित लाइन में कई सुरंगें होंगी और ये 10,000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बनाई जाएंगी.