रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जरूरी है रिवाइवल प्लान, क्या बजट से मिल पाएगी संजीवनी?
सरकार को बैंकिंग सिस्टम में ऐसे बदलाव किए जाने की जरूरत है जिससे अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए जमीन खरीदने वालों को भी कुछ राहत मिल सके.
नई दिल्लीः देशभर में रियल एस्टेट सेक्टर में अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है. रियल एस्टेट क्षेत्र में स्थिति साफ होनी चाहिए और घर खरीदारों को उनके घर मिलने चाहिए. इसके लिए सरकार को विकास कार्य तेज करने होंगे जिससे क्षेत्र में लोगों का विश्वास बढ़े.
इस बजट में और क्या जरूरी कदम उठाए जाएं जिससे हो सके रियल एस्टेट सेक्टर में रिवाइवल रेरा के मजबूती के साथ क्रियान्वयन से आगे चलकर प्रोजेक्ट्स के पेंडिंग होने की गुंजाइश नहीं होगी. प्रोजेक्ट्स में देरी रियल एस्टेट सेक्टर की प्रगति के आड़े आने वाली सबसे बड़ी समस्या है. रेरा को और मजबूत बनाए जाने की जरूरत है.
रीयल्टी क्षेत्र के लिये रेरा कानून बनने के बावजूद कई प्रोजेक्ट्स पर काम देरी से चल रहा है और यह समय पर पूरी नहीं हो रही हैं. अब समय आ गया है जब सरकार को देश भर में ऐसी लटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये बजट में दस हजार करोड़ रुपये का एक अलग कोष बनाने की आवश्यकता है.
इसके अलावा सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर मिलने वाली छूट 1.5 लाख रुपये से बढ़ा दी जाए जिससे लोग प्रॉपर्टी में निवेश कर सके. टैक्स स्लैब में 5 लाख से 10 लाख रुपये की इंकम पर जो 20 फीसदी का टैक्स लग रहा है उसे कम किए जाने की जरूरत हाउसिंग इंडस्ट्री जता रही है.
इसके अलावा सरकार को बैंकिंग सिस्टम में ऐसे बदलाव किए जाने की जरूरत है जिससे अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए जमीन खरीदने वालों को भी कुछ राहत मिल सके.
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