सेबी ने कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट को फिर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कोटक म्यूचुअल फंड्स अपनी चार डेट स्कीमों के यूनिट होल्डरों को रीपेमेंट करने में देरी कर रहा है इसलिए यह नोटिस भेजा गया गया है. दरअसल इन क्लोज्ड एंडेड डेट स्कीमों के पास एस्सेल ग्रुप के सिक्योरिटी हैं.


री-पेमेंट में देरी पर दूसरी बार नोटिस जारी 


इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर में कहा गया है कि कोटक म्यूचुअल फंड नियमों का उल्लंघन कर रहा है. इस नियम के मुताबिक मैच्योरिटी पर निवेशकों को पूरा पैसा घोषित एनएवी के आधार पर लौटाना होता है. लेकिन कोटक म्यूचुअल फंड ऐसा करने में देरी कर रहा है. देरी के लिए सेबी ने कोटक म्यूचुअल फंड को दूसरी बार नोटिस जारी किया है. कोटक के फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान वाले फंड्स के यूनिट होल्डरों को मैच्योरिटी के बाद उनका पूरा पैसा नहीं लौटाया गया है.


एस्सेल के डेट पेपर्स में 10 से 20 तक किया था निवेश 


कोटक एएमसी के चार फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान नंबर 187,189, 193 और 194 के निवेशकों को रीपेमेंट में देरी पर सेबी ने दोबारा कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन चारों फंड्स ने एस्सेल के डेट पेपर्स में 10 से 20 फीसदी का निवेश किया था. इनकी मैच्योरिटी अप्रैल-मई, 2019 में थी. दरअसल जी एंटरटेनमेंट और डिश टीवी के शेयरों में गिरावट के बाद सुभाष चंद्रा के एस्सेल ग्रुप और कुछ म्युचुअल फंड्स के बीच एक फौरी समझौता हुआ था.


एस्सेल ग्रुप से रिकवरी के बाद कोटक म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों के निवेशकों को सितंबर 2019 में कुछ पैसा लौटाया गया था. जी एंटरटेनमेंट और डिश टीवी के प्रमोटरों ने म्यूचुअल फंड्स और वित्तीय कंपनियों से पैसे जुटाने के लिए अपने शेयर गिरवी रखे थे. लेकिन शेयरं में गिरावट के बाद एस्सेल ग्रुप के प्रमोटर अपनी गिरवी नहीं छुड़ा पाए. इससे म्यूचुअल फंड अपने पैसे की रिकवरी नहीं कर पाए और निवेशकों को पैसा नहीं मिल पाया. सेबी ने म्युचुअल फंड्स और एस्सेल के बीच इस तरह की सौदेबाजी पर सवाल उठाया था.