वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक दिन बाद मंगलवार को लोकसभा में नया बजट पेश करने वाली हैं. यह वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट और मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा. हालांकि बजट से पहले आज बाजार उदासीन दिख रहा है. सुबह से दोपहर तक के कारोबार में बाजार की चाल सीमित दायरे में दिखी है. आइए जानते हैं कल बजट के दिन शेयर बाजार की चाल कैसी रह सकती है?


आज सेंसेक्स और निफ्टी का रुख


उससे पहले अभी की बात करें तो दोपहर 12 बजे बीएसई सेंसेक्स लगभग फ्लैट था और 0.064 फीसदी के नुकसान में 80,550 अंक के पास कारोबार कर रहा था. सेंसेक्स ने आज कारोबार की शुरुआत करीब 200 अंकों की गिरावट के साथ 80,408 अंक पर की थी. एनएसई का निफ्टी50 इंडेक्स भी दोपहर के कारोबार में लगभग स्थिर 24,525 अंक के पास था.


पिछले 4 बजट से लुढ़क रहा है बाजार


बजट के दिन शेयर बाजार के प्रदर्शन के ऐतिहासिक आंकड़े को देखें तो हालिया सालों की नकारात्मक तस्वीर सामने आती है. पिछले लगातार चार बजट से ऐसा देखा जा रहा है कि बजट के दिन शेयर बाजार लाल हो रहा है. पिछले साल 2023 में बजट के दिन बाजार 2.8 फीसदी नुकसान में रहा था. उससे पहले 2022 में 0.2 फीसदी की हल्की गिरावट आई थी. वहीं 2021 मे बजट के दिन बाजार 2.1 फीसदी के नुकसान में रहा था. 2020 के बजट में तो बाजार 4.2 फीसदी लुढ़क गया था.


इन 5 मौकों पर बाजार में आई थी तेजी


उससे पहले शेयर बाजार को लगातार 5 साल के बजट पर चढ़ते देखा गया था. साल 2015 के बजट के दिन बाजार 0.9 फीसदी मजबूत रहा था. उसके बाद 2016 और 2017 में बजट वाले दिन बाजार में शानदार 3.8 फीसदी और 3.9 फीसदी की तेजी आई थी. 2018 और 2019 के बजट में बाजार क्रमश: 0.6 फीसदी और 1.3 फीसदी मजबूत हुआ था. वहीं मोदी सरकार के पहले बजट यानी 2014 के बजट के दिन बाजार 1.8 फीसदी के नुकसान में रहा था.


इस बार भी बाजार लग रहा उदासीन


इस तरह देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के अब तक दो कार्यकाल में जो 10 पूर्ण बजट आए हैं, उनमें से 5 मौकों पर बाजार ने तेजी दिखाई है और 5 मौकों पर बाजार गिरावट में रहा है. हालिया चार साल गिरावट वाले रहे हैं. इससे पता चलता है कि पिछले चार साल के बजट बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहे हैं. इस बार भी बजट से पहले बाजार उदासीन दिख रहा है, जिससे लगता है कि बाजार को बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है.


इस सुधार से उड़ान भर सकता है बाजार


हालांकि एक्सपर्ट की राय इस मामले में अलग-अलग है. उदाहरण के लिए बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट में जेफरीज के इक्विटी स्ट्रेटजी के ग्लोबल हेड क्रिस वुड का तर्क देख लें, तो पता चलता है कि अगर बजट में बाजार से जुड़े कुछ सुधार किए जाएं तो शानदार तेजी दिख सकती है. क्रिस वुड भारत में कैपिटल गेन टैक्स को पूरी तरह से समाप्त करने की वकालत करते हैं. उनका कहना है कि अगर ऐसा किया जाएगा तो उससे बाजार में ऐतिहासिक रैली देखने को मिलेगी.


इस मामले में आ सकती है भारी गिरावट


वहीं साथ ही उन्होंने बाजार को लेकर चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाती है तो शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी जा सकती है. वह कहते हैं. इस बात के अनुमान कम ही हैं कि सरकार कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ाएगी, लेकिन वह अगर ऐसा करती है तो बाजार में वैसी ही उथल-पुथल देखी जाएगी, जैसी बीते महीने चुनाव परिणाम वाले दिन देखने को मिली थी.


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