नई दिल्लीः बजट 2019 पेश होने में 48 घंटों से कुछ ही ज्यादा समय बचा है और 1 फरवरी 2019 को अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करने जा रहे हैं. अब जब बजट आने में इतना कम वक्त बचा है तो ऐसे में सरकार के सामने कई सेक्टर्स की उम्मीदें, मांगें और विशलिस्ट आ चुकी होंगी. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले ये चुनाव काफी अहम है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आम जनता, गरीबों, निचले मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग के लिए सरकार कुछ अच्छे एलान कर सकेगी.


कृषि पर फोकस रहने का अनुमान
सरकार का फोकस इस बार कृषि सेक्टर पर रह सकता है और कृषि सेक्टर के संकट को कम करने के लिए इस बजट में कुछ बड़े एलानों की संभावना है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार किसान पैकेज या कृषि लोन माफ जैसे एलान कर सकती है. इसके अलावा कुछ और आशा भी हैं जैसे कि सरकार इनकम टैक्स लिमिट को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दे. साथ ही एमएसएमई सेक्टर के लिए भी कुछ पॉजिटिव एलान होने की उम्मीद लोग कर रहे हैं.


स्टार्ट-अप्स के लिए क्या किया जा चुका है
बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया कैंपेन की शुरुआत की थी. जानकारों के मुताबिक इस कैंपेन के जरिए स्टार्टअप क्षेत्र पर फोकस आया और इसकी तरफ वो ध्यान आर्कषण हुआ जिसकी उसे जरूरत थी. इसमें इनोवेशन, जॉब क्रिएशन, संपत्ति और वैल्यू क्रिएशन सभी पहलुओं पर ध्यान दिया गया.


इस बजट से स्टार्टअप क्या उम्मीद कर रहे हैं-




  • डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए और ज्यादा नीतियां बनाई जाएं जिसके जरिए स्टार्टअप के लिए भी काम करना आसान हो सके, क्योंकि स्टार्टअप्स में ज्यादातर युवा पीढ़ी की भागीदारी ज्यादा होती है.

  • स्टार्टअप एंजल टैक्स पर और सफाई चाहते हैं.

  • मिनिमम अल्टरनेट टैक्स को पूरी तरह खत्म किया जाए जिससे कारोबारियों पर पड़ने वाला बोझ कम हो सके. इसके अलावा उनकी उत्पादन लागत में भी कटौती हो सके.

  • ईज ऑफ शटिंग डाउन यानी कारोबार को चलाने की बजाए उसको खत्म या बंद करना ज्यादा आसान हो चुका है. इस मुद्दे की तरफ सरकार को ध्यान देना चाहिए और आंत्रप्रेन्योर को ऐसे साधन मुहैया कराए जाने चाहिए जिससे उन्हें कारोबारी परेशानियों को सुलझाने में आसानी भी हो और ज्यादा वक्त न लगे.

  • स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलीडे की मियाद 3 साल से बढ़ाकर 5 साल की जाए.

  • फंड मैनेजर्स के लिए मौजूदा 18 फीसदी जीएसटी की दर को और घटाया जाए जिससे स्टार्टअप्स को फंड इकट्ठा करने में मैनेजर्स को लेकर ज्यादा दिक्कत न हो.

  • ऐसे हाईब्रिड साधन जिनसे निवेश को आकर्षित किया जा सके उनके लिए सरकार को अलग नीति बनानी चाहिए.


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