अंतरिम बजट की क्या रही है परंपरा, क्या इस बार होगा कुछ खास
यहां पर हम पिछले चार अंतरिम बजट के बारे में बात करेंगे जो चुनावी साल में तत्कालीन सरकारों द्वारा पेश किए गए थे.
नई दिल्लीः देश का बजट पेश होने में 72 घंटे से थोड़ा ही ज्यादा समय बचा है. इस बार बजट को लेकर ये कहा जा रहा है कि सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी क्योंकि परंपरा के मुताबिक चुनावी साल में अंतरिम बजट पेश किया जाता रहा है. अंतरिम बजट में सरकार चुनाव तक के खर्चों को चलाने लायक बजट पेश करती है और इसके बाद जब नई सरकार आ जाती है तो वो पूर्ण बजट पेश करती है.
अंतरिम बजट से जुड़ी खास बातें यहां पर हम पिछले चार अंतरिम बजट के बारे में बात करेंगे जो चुनावी साल में तत्कालीन सरकारों द्वारा पेश किए गए थे.
साल 2014-15 तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने साल 2014-15 के अंतरिम बजट में जो एलान किए उनके मुताबिक कैपिटल गुड्स और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए एक्साइज ड्यूटी में कटौती की थी. हालांकि इसके अलावा टैक्स को लेकर किसी तरह के छूट या कंसेशन को जगह नहीं मिली. इस बजट में सरकार ने अंतरिम बजट की परंपरा को ध्यान में रखते हुए ज्यादा बड़े एलान नहीं किए.
साल 2009-10 उस समय के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी थे जिन्हें अभी 25 जनवरी को 'भारत रत्न' देने का एलान किया गया है. वित्त मंत्री ने 2009-10 के बजट में किसी तरह का कोई बड़ा एलान नहीं किया और सामान्य चुनाव के खर्चे तक का कामकाज चलाने लायक राजस्व की मदों की घोषणा की.
साल 2004-05 साल 2004-05 का अंतरिम बजट तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने पेश किया था. उस समय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में आम जनता को फायदा पहुंचाने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन पहले ही से किया जा चुका था. इसके बावजूद जसवंत सिंह ने 2004-05 के अंतरिम बजट में कई टैक्स योजनाओं का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ टैक्स फाइल करने की प्रक्रिया में कई बदलाव किए जिनसे वो आन लोगों के लिए और आसान हुईं. साथ ही उसी बजट में उन्होंने फ्री बैगेज अलाउंस और कस्टम डयूटी घटाने का भी एलान किया था.
इस तरह अंतरिम बजट के चलन को देखें तो इस बार के बजट को लेकर भी ज्यादा भी ज्यादा उम्मीदें बनती नहीं दिख रही हैं. जैसा कि ऊपर बताया गया है कि पिछले चार अंतरिम बजट में दो बजट 2005-05 और 2014-15 में कुछ लोकलुभावन एलान किए गए. वहीं साल 2009-10 में सामान्य रूप से अंतरिम बजट पेश किया गया. तो इस लिहाज से इस बार भी यही आसार बन रहे हैं कि सरकार की तरफ से बजट में ज्यादा बड़े एलान नहीं किए जाएं.
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