नई दिल्लीः अब जब बजट पेश होने में 2 दिन का वक्त बचा है, बजट ब्रीफकेस फिर सुर्खियों में हैं, बल्कि इस बार बजट ब्रीफकेस दूसरी बार जनता के सामने पेश होने जा रहा है क्योंकि अंतरिम बजट के समय फरवरी में ये लोगों के सामने आया था और अब आम बजट के समय इसके फिर दर्शन होंगे.


जैसा कि आप जानते ही हैं कि संसद में बजट पेश करने से पहले बजट ब्रीफकेस को लेकर मौजूदा वित्त मंत्री मीडिया के सामने पोज़ देते हैं. इसी परंपरा का पालन करते हुए मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाली 5 जुलाई को बजट के दिन भी ऐसा ही कर सकती हैं.


बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द 'बुगेट' से हुई है जिसका अर्थ है बैग. देखा जाए तो ये बैग इस समय का सबसे शक्तिशाली बैग होता है क्योंकि इसमें विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की आर्थिक व्यवस्था को आकार देने वाली योजनाओं का खाका छुपा हुआ होता है.


देश में बजट बैग को सबसे पहले भारत के पहले बजट जो कि 26 नवंबर 1947 को पेश हुआ था तत्कालीन वित्त मंत्री आर के शणमुखम शेट्टी के हाथ में देखा गया था और तब उनहोंने लैदर का बैग हाथ में लिया था.


साल दर साल बदलने वाले बजट बैग में वैसे तो कोई अंतर नहीं आता है लेकिन इसके रंग में थोड़ा बहुत परिवर्तन देखा जाता रहा है. 1991 में भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह का ब्लैक बजट प्रसिद्ध है जब भारत में वित्तीय संकट चल रहा था. हालांकि इसके बाद एक बार वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के हाथ में भी ब्लैक बजट बैग देखा गया था. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ बजट ब्रीफकेस के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका अलग-अलग सालों में रंग बदला हुआ देखा गया.




  • साल 2007 के बजट के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 28 फरवरी को बजट पेश किया था. उस समय पी चिंदबरम ने डार्क ब्राउन रंग का बैग बजट पेश करने के लिए चुना था.





  • 16 मार्च 2012 को तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपना सातवां बजट पेश किया और उस समय उनके हाथ में लाल रंग का लैदर का बैग देखा गया. इस बजट में सर्विस टैक्स 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया था.





  • साल 2014 में यूपीए सरकार के दौरान उस समय के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 17 फरवरी 2014 को बजट पेश किया था और उस समय उन्होंने ऑरेंज रंग के बैग का चुनाव बजट पेश करने के लिए किया था.





  • 2014 में यूपीए के 10 साल के शासनकाल के बाद नई मोदी सरकार सत्ता में आ गई. उस समय लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद 26 मई को नई मोदी सरकार अस्तित्व में आ गई थी और 10 जुलाई को सरकार ने आम बजट पेश किया था. इसके बाद नई सरकार का बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काले रंग के बजट बैग का चुनाव किया.





  • साल 2015 का बजट 28 फरवरी 2015 को आया था और उस समय 28 फरवरी को बजट पेश किया गया था. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उस समय बजट पेश करने से पहले मीडिया में आकर पारंपरिक लैदर बैग लेकर पोज दिया था. उस समय अरुण जेटली ने गोल्डन ब्राउन बैग में बजट दस्तावेज रखे हुए थे.



देखना दिलचस्प होगा कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किस रंग के बजट ब्रीफकेस को लेकर जनता के सामने आती हैं और उनके पिटारे से आम लोगों के लिए क्या खास निकलता है.


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