बजट 2019: इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें, बन सकता है पॉजिटिव माहौल
ऑटो इंडस्ट्री आगामी केंद्रीय बजट 2019 से काफी उम्मीदें लगाए हुए है क्योंकि यह ग्राहकों को वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित ऑटो उद्योग के लिए सकारात्मक माहौल बना सकता है.
नई दिल्ली: ऑटो इंडस्ट्री आगामी केंद्रीय बजट 2019 से काफी उम्मीदें लगाए हुए है क्योंकि यह ग्राहकों को वाहनों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित ऑटो उद्योग के लिए सकारात्मक माहौल बना सकता है. इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी (एसएमईवी) सोसाइटी के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री घटकर 1200 इकाई पर आ गई जो वित्त वर्ष 2016-17 से 40 प्रतिशत कम है. लोहिया ऑटो इंडस्ट्री के सीईओ आयुष लोहिया ने बजट से पूर्व अपेक्षाएं जाहिर करते हुए कहा, "ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कार्यरत कंपनियां (फेम) में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण और तेजी से अपनाने के तहत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए इंसेटिव योजना के विस्तार की दिशा में काम कर रही हैं. यह आगामी केंद्रीय बजट से न्यूनतम 10 वर्षों के विस्तार के साथ सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रही है, इसलिए इसके प्रभाव लंबे समय तक महसूस किए जाएंगे. इस विस्तार से भारत के इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकेगा, जो सुनिश्चित तौर पर इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा."
इसके अलावा उन्होंने कहा कि FAME नीति के तहत प्रोत्साहन में सभी इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होने चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "हम सकारात्मक हैं कि नए बजट में 2 पहिया और 3 पहिया वाहनों में लीड एसिड बैटरियां शामिल होंगी और केवल पंजीकृत वाहनों तक सीमित नहीं होंगी." उन्होंने कहा,'' बैटरी सहित सभी इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी के अलावा इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्धता के साथ 5 प्रतिशत से अधिक ना करके की मांग की जा रही है. इसके अलावा राष्ट्रीयता वाले बैंकों से ही नहीं, बल्कि एनबीएफसी और प्राइवेट बैंकों के माध्यम से भी एग्रीकल्चर की तरह ही प्रायोरिटी लेंडिंग के तहत रिटेल फाइनेंस की उपलब्धता भी आसानी से हो.''
आयुष लोहिया ने कहा, ''आगामी बजट में कंपनियां यह भी उम्मीद कर रही हैं कि मार्जिन मनी के साथ रिटेल फाइनेंस 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा और तीनपहिया सहित सभी कमर्शियल वाहनों पर ब्याज दर को अधिकतम 5 प्रतिशत ROI रखा जाएगा. इसके साथ ही 7 वर्ष से कम आयु के सभी पैसेंजर और कमर्शियल वाहनों पर स्क्रैप इंसेंटिव की मांग भी की जा रही है.
बता दें कि पिछले दो सालों में, भारत ने सुजुकी, तोशिबा और टोयोटा जैसी कंपनियों के साथ इलेक्ट्रॉनिक वाहन क्षेत्र में बड़ा विकास देखा गया है