Union budget 2023: बजट से ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ी उम्मीदें, आम आदमी की मुश्किलें कम कर सकती है सरकार
Budget 2023-24 India: देश का आम बजट जल्द ही पेश होने वाला है. ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की अपेक्षाएं एवं उम्मीदें भी काफी बढ़ गई है. जानिए इस बजट में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ने क्या मांग की रखी है...
Transport Business Expectations Union Budget 2023: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) 1 फरवरी 2023 को आम बजट (Union Budget 2023) लेकर आ रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) से आम बजट से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की अपेक्षाएं एवं उम्मीदें बढ़ गई है. जानिए इस बजट में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय (Transport Business) ने क्या मांग रखी है.
जीएसटी के दायरे में आए तेल
डीज़ल और पेट्रोल (Diesel and Petrol) को जी.एस.टी.(GST) के दायरे में लाना चाहिए, जो परिवहन व्यवसाय की बहुत समय से मांग रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम हो गई है. केंद्र सरकार इस बजट में डीजल और पेट्रोल की दरों में कमी लाने का प्रयास कर सकती है. जिससे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय एवं आम आदमी की मुश्किलें काफी कम हो गई है.
ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर लागू हो टीडीएस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2014 से पहले ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टी.डी.एस.लागू नहीं किया गया था. 2015 बजट में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर टी.डी.एस.लागू हो गया है. आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कई बार केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Transport Minister Nitin Gadkari) को ज्ञापन दिया गया है. मंत्री गडकरी ने भी कई बार इसे हटाने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है, पर केंद्र सरकार ने अभी तक इसे हटाया नहीं है. आशा हैं कि इस बजट में IT अधिनियम की धारा 194 ,C एवं 194 N, को समाप्त कर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से टी.डी.एस. निकाल देना चाहिए.
छोटे व्यवसायी काफी परेशान
IT अधिनियम की धारा 44 AE में व्यावहारिक सुधार की मांग की गई है. इसके प्रावधानों के चलते छोटे ट्रांसपोर्ट व्यवसायी काफी परेशान है. केंद्र सरकार का कहना है कि, इसके प्रावधान तर्क संगत नहीं हैं और इसको ठीक किया जाएगा. अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है. टायर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय का एक अहम खर्चा सामने आ रहा है. देश में टायर कंपनियों ने अपना कार्टेल कर लिया है, और उपभोगता काफी परेशान चल रहे है. टायरों के निर्यात पर नियंत्रण एवं एन्टी डंपिंग डयूटी को हटाने की मांग की गई है, जिससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा कायम हो सकेगी.
बीएस VI गाड़ियों के लिए बढ़ाए उम्र
बजट में बीएस VI गाड़ियों को लेकर काफी उम्मीदें है. बीएस VI की कीमत और उनका रख रखाव काफी मंहगा है. बीएस VI गाड़ियों पर, एड ब्लू, लुब्रिकेंट्स, स्पेयर पार्ट्स, इन्शुरन्स आदि पर जी.एस.टी. (GST) एवं अन्य टैक्स कम किये जाने चाहिए. बीएस VI गाड़ियां जोकि काफी अति आधुनिक हैं. इन गाड़ियों की आयु 15 साल से बढ़ा कर 25 साल करने की मांग की गई है.
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