Union Budget 2023: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट में रोजगार सृजन पर रहेगा मोदी सरकार का जोर!
India Budget 2023: रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार निशाने पर पड़ी है. अर्थशास्त्रियों का भी मानना रहा है कि भारत में जॉबलेस ग्रोथ है. ऐसे में 2024 चुनाव से पहले सरकार को ट्रैक रिकॉर्ड ठीक करना होगा.
Budget 2023: एक फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी आम बजट पेश करेंगी. क्योंकि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट है. साथ ही इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने हैं. ऐसे में वोटरों को लुभाने के लिए माना जा रहा है कि ये बजट लोकलुभावन रह सकता है पर साथ में रोजगार सृजन पर बजट में सबसे बड़ा फोकस रहने वाला है.
रोजगार सृजन है लाल-अक्षर वाली प्राथमिकता
रोजगार सृजन को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है. ऐसे में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले रोजगार सृजन पर मोदी सरकार का सबसे बड़ा जोर रहने वाला है. ये इस बात ये भी जाहिर होता है कि वित्त मंत्री ने हाल ही में कहा था कि कुछ प्राथमिकताएं लाल अक्षर वाली होती हैं जिसमें उन्होंने कहा कि नौकरियों का सृजन (Jobs), समान धन वितरण (Equitable Wealth Distribution) यानि आर्थिक समानता और देश को विकास के पथ पर आगे लेकर जाना लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल है.
कैपिटल एक्सपेंडिचर के मद में बढ़ेगा आवंटन
एक फरवरी 2022 को 2022-23 बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आधारभूत ढांचे की मजबूती के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर के मद में 7.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था. उम्मीद ये थी कि इससे रोजगार के अवसर को बढ़ाने में मदद मिलेगी साथ ही भारत में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सकेगा. आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अपने फोकस को बरकरार रखते हुए इस बजट में भी कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए सरकार ज्यादा आवंटन करेगी. सरकार इस मद में ज्यादा खर्च करेगी तो वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करने में भी इससे मदद मिलेगी.
युवा उद्यमियों को बगैर गारंटी लोन!
युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ाना देने के लिए मोदी सरकार बजट में बड़ा एलान कर सकती है. सरकार इस बजट में नई स्कीम की घोषणा कर सकती है जिसमें इन उद्यमियों को 50 लाख रुपये का कर्ज बगैर किसी गारंटी के उपलब्ध कराया जाएगा. जिसमें महिला उद्यमियों को दिए जाने वाले लोन में 50 फीसदी रकम की सरकार गारंटी देगी. साथ ही पुरुष उद्यमियों के मामले में 25 फीसदी गारंटी सरकार देगी. इन नए उभरते उद्यमियों को कर्ज देने से रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी.
खाली पद को भरने पर रहेगा जोर
14 जून 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे बड़ा चुनावी दांव खेलते हुए एलान किया था कि अगले डेढ़ सालों में यानि 2023 के आखिर तक केंद्र सरकार अपने अलग अलग विभागों और मंत्रालयों में 10 लाख लोगों की भर्ती करेगी. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद विभागों में सभी विभागों और मंत्रालयों में ह्यूमन रिसोर्स के स्टेटस (Human Resources Status) की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया था. यानि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य तैयार कर रखा है.
PM @narendramodi reviewed the status of Human Resources in all departments and ministries and instructed that recruitment of 10 lakh people be done by the Government in mission mode in next 1.5 years.
— PMO India (@PMOIndia) June 14, 2022
सरकार में लाखों की संख्या में पद खाली पड़े हैं. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने संसद को बताया था कि केंद्र सरकार में अलग-अलग पदों और विभागों में करीब 9.79 लाख पद खाली पड़े हैं. केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित जवाब में कहा कि व्यय विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 1 मार्च 2021 तक केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों के तहत 9 लाख 79 हजार 327 पद खाली हैं. दिसंबर 2021 में वित्त मंत्री ने बताया था कि 1 दिसंबर 2021 तक सरकारी बैंकों में कुल 8,05,986 पद मंजूर किये गए हैं जिसमें से 41,177 बैंक कर्मचारियों के पद खाली पड़े हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम जैसे शिक्षण संस्थानों में करीब 10,814 शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं. एक अनुमान के मुताबिक देश के तीनों सेनाओं में करीब 1.25 लाख पद खाली पड़े हैं. जिसे भरने को लेकर कवायद भी चल रही है.
खाली पद भरने के रोडमैप की घोषणा संभव!
हाल के दिनों में जिस भी राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए वहां पर सरकारी नौकरी बड़ा चुनावी मुद्दा बना है. ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में खाली पड़े पदों के भरने की खाका वित्त मंत्री सामने रख सकती है. जिससे वोटरों और खासतौर से युवाओं के बीच सकारात्मक संदेश जा सके.
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