Budget 2023-24: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने समाज के वंचितों लोगों को सपोर्ट करने के केंद्र सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है. इसी के तहत आईएमएफ ने सरकार के फर्टिलाइजर सब्सिडी बढ़ाने के फैसले का भी बचाव किया है. आईएमएफ का मानना है कि सरकार के इस कदम से कृषि उत्पादन के साथ किसानों के आय को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
सरकार से IMF ने की चर्चा
आईएमएफ ने भारत सरकार के साथ उसकी आर्थिक नीतियों, वित्तीय हालात और पॉलिसी को लेकर चर्चा की है. और इन चर्चाओं के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है. ये रिपोर्ट दिसंबर 2022 में पब्लिश हुआ है. रिपोर्ट में आईएमएफ ने केंद्र सरकार को उसके आने वाले बजट को लेकर नीतिगत सुझाव के साथ वित्तीय मामलों को लेकर कई अनुमान भी जारी किए हैं. आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गरीबों को सहायता प्रदान करते रहना चाहिए. साथ ही उसने कहा है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत ढांचे पर खर्च को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए. हालांकि आईएमएफ पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती किए जाने के खिलाफ है. उसका मानना है कि इससे जो संपन्न लोग हैं उन्हें फायदा होता है. हालांकि सरकार के लोगों ने आईएमएफ को बताया कि महंगाई में कमी लाने के लिए एक्साइज ड्यूटी को घटाना बेहद जरुरी था.
टैक्स कलेक्शन बढ़ने से बढ़ेगा राजस्व
आईएमएफ का मानना है कि सरकार बजट में तय किए गए वित्तीय घाटे को लक्ष्य को जरुर हासिल करेगी. उसने कहा कि कमोडिटी के दामों में उछाल के बाद सरकार ने मुफ्त राशन देने का जो फैसला किया, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की साथ ही कम आय वालों को पीएम उज्जवला योजना के तहत एक साल में 12 सिलेंडर पर प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा की उससे सरकार के राजस्व पर असर पड़ा है. लेकिन जीएसटी कलेक्शन में जबरदस्त तेजी और इनकम टैक्स कलेक्शन में उछाल से इस असर को खत्म करने में मदद मिली है. पेट्रोलियम पदार्थों पर विंडफॉल टैक्स लगाने का भी सरकार को फायदा हुआ है
आईएमएफ ने अपने अनुमान में कहा है कि सरकार जीडीपी के 6.4 फीसदी वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी. वहीं एजेंसी ने 2023-24 में 6.2 फीसदी राजकोषीय घाटे का लक्ष्य रखा है. 2023-24 में कुल खर्च जीडीपी का 14.8 फीसदी रहने का अनुमान है जो 2022-23 में 15.1 फीसदी रहेगा. आईएमएफ ने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए मीडियम-टर्म स्ट्रैटजी तैयार करने की वकालत की है.
एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसले ले वापस
आईएमएफ ने सरकार को घाटे को कम करने के लिए पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के फैसले को वापस लेने की नसीहत दी है. साथ ही कॉरपोरेट टैक्स और इनकम टैक्स बेस को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है. रिपोर्ट में जीएसटी में प्रीफरेंशियल ट्रीटमेंट वाले आईटम्स की संख्या को घटाने, एसेट मॉनिटाईजेशन, निजीकरण, इलेक्ट्रसिटी टैरिफ में सुधार और केवल जरुरी लोगों को सब्सिडी का लाभ देने को कहा है. साथ ही केंद्रीय योजनाओं की संख्या भी घटाने की सलाह दी गई है.
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