आधे से ज्यादा परिवारों को आय में 25% तक गिरावट आने का डर सता रहा है और इस कारण उन्हें बचत में भी कमी आने की आशंका है. इसके चलते ये परिवार आगामी बजट में राहत की उम्मीद कर रहे हैं. यह जानकारी एक हालिया ऑनलाइन सर्वेक्षण में सामने आई है, जिस सर्वेक्षण को देश के 309 जिलों में किया गया.
लोकल सर्कल्स का यह सर्वेक्षण 25 दिसंबर से 25 जनवरी के बीच में किया गया, जिसमें पाया गया कि रोजगार के नुकसान और नई भर्तियां को लेकर धारणा नकारात्मक हुई है. सर्वेक्षण में शामिल 52% लोगों को लगता है कि आर्थिक अनिश्चितता का माहौल अगले 6 से 12 महीने तक कायम रहेगा.
सर्कल्स का दावा है इस सर्वेक्षण में देश के 309 जिलों के परिवारों से 37,000 प्रतिक्रियाएं ली गई हैं. ये परिवार टियर 1, टियर 2 और छोटे शहरों के हैं. इनमें 64% पुरुष और 36% महिलाएं शामिल हैं.
लोकल सर्कल्स के संस्थापक सचिन तपरिया ने कहा, हमारे सर्वेक्षण से पता चलता है कि देश के ज्यादातर परिवार आय में कमी का सामना कर रहे हैं. लोगों के साथ हुई हजारों बातचीत में लोकल सर्कल्स को इनकम टैक्स की दरें कम करने या छूट एवं कटौतियों की सीमा बढ़ाने के बारे में इनपुट्स मिले हैं.
सर्वेक्षण की मानें तो हर सवाल पर प्रतिक्रियाएं अलग रही हैं. आय में बदलाव को लेकर किए गए सवाल पर 7% परिवारों ने माना कि उन्हें 25% तक गिरावट की आशंका है. वहीं 22% परिवारों ने 10 से 15% तक की और 10% परिवारों ने 10% तक की गिरावट की आशंका व्यक्त की. सर्वेक्षण में शामिल 21% परिवारों ने महसूस किया कि उनकी आय में कमी तो आएगी, लेकिन कितनी कमी आएगी, वे यह नहीं बता सकते हैं.
सर्वेक्षण के अनुसार, 56% परिवारों ने माना कि उनकी औसत पारिवारिक बचत चालू वित्त वर्ष में कम हो जाएगी, जबकि सिर्फ 19% परिवारों को बचत के बढ़ने की उम्मीद है. आर्थिक अनिश्चितता के बारे में पूछे गए सवाल पर 13,000 लोगों में से 52 फीसदी ने माना कि यह स्थिति छह से बारह महीने तक कायम रह सकती है. जबकि 23 फीसदी को 3-6 महीने और 6 फीसदी को 3 महीने तक ऐसा माहौल रहने की आशंका है. वहीं 19 फीसदी लोग इस बारे में कुछ कह पाने में असमर्थ रहे.