(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Budget 2023: अंतरिक्ष में भारत के कदम होंगे और मजबूत! बजट में पीएलआई योजना से लेकर टैक्स इंसेंटिव की मांग
Budget 2023: 1 फरवरी को आम बजट पेश होने वाला है. ऐसे में स्पेस सेक्टर को भी उम्मीद है कि सरकार पीएलआई स्कीम से लेकर टैक्स इंसेंटिव का लाभ दे सकती है.
Union Budget 2023: देश का केंद्रीय बजट 2023-24 एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. ये बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पांचवा बजट होगा. ऐसे में इस बजट से सभी सेक्टरों को खास उम्मीदें हैं. इसी क्रम में भारत के स्पेस इंडस्ट्री ने टैक्स इंसेंटिव और उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना लाने की मांग की है. यह मांग इस कारण भी की गई है कि स्थानीय कंस्ट्रक्शन, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिल सके.
स्पेस इंडस्ट्रीज के बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप ‘पिक्सेल’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवैस अहमद ने कि बजट 2023-24 में हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टार्टअप के लिए अंतरिक्ष-आधारित उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का अनुरोध करना चाहते हैं, ताकि स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और देश के भीतर क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने में मदद मिल सके.
इन उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है पिक्सेल
पिक्सेल ने पिछले साल स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए एक कामर्शियल उपग्रह ‘शकुंतला’ को लॉन्च किया था और वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी. इसके बाद उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी रॉकेट के जरिए इसी प्रकार के एक अन्य उपग्रह ‘आनंद’ को लॉन्च किया था. अब उसकी पृथ्वी उपग्रहों का जल्द ही एक समूह बनाने की योजना है.
वीजीएफ के लिए 100 करोड़ रुपये की मांग
ध्रुवस्पेस में रणनीति और विशेष परियोजनाओं के प्रमुख क्रांति चंद ने कहा कि केंद्रीय बजट 2023-24 में नया बुनियादी ढांचा स्थापित करने के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) के रूप में 100 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया है. हैदराबाद के स्टार्टअप ‘ध्रुवस्पेस’ ने भी पीएसएलवी रॉकेट के जरिए नवंबर में दो उपग्रह प्रक्षेपित किए थे और एक उपग्रह स्थापित करने की योजना है.
डीएसए के तहत 1 हजार करोड़ आंवटन की उम्मीद
क्रांति चंद ने सरकार उद्योग से नयी प्रौद्योगिकी की खरीद के वास्ते रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (डीएसए) के लिए 1,000 करोड़ रुपये का आंवटन करने की उम्मीद की है. उन्होंने बताया कि कई उपग्रह और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के लिए रक्षा मंत्रालय ने आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) दे दी है.
पीएलआई योजना के आने से लाभ
आईएसपीए ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक पीएलआई योजना देश में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगी और इस क्षेत्र में शामिल संस्थाओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी. आईएसपीए यह भी चाहता है कि सरकार अंतरिक्ष क्षेत्र की कंपनियों और संगठनों को लोन, अनुदान और कर प्रोत्साहन के माध्यम से वित्तीय सहायता दे. आईएसपीए द्वारा पिछले साल जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2020 में 9.6 अरब डॉलर थी और 2025 तक इसके 12.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
यह भी पढ़ें
Amazon Layoffs: अमेजन इंडिया के ऑफिस में रो रहे लोग, नौकरी जाने के बाद एंप्लाइज ने बयां किया दर्द